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मेरठ में एक व्यक्ति को पेशाब न होने की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया और कैथेटर लगा दिया गया. इस बीच अगले दिन पेशाब के रास्ते खून जैसा लाल एक बड़ा कीड़ा बाहर निकल आया. उसे देखकर डॉक्टरों के भी रोंगटे खड़े…और पढ़ें

Canva से ली गई सांकेतिक तस्वीर.
क्या आपने कभी सोचा कि आपके शरीर के अंदर कोई भयानक जीव छुपा हो सकता है? एक व्यक्ति को पेशाब न कर पाने की तकलीफ ने ऐसा खौफनाक सच उजागर किया कि डॉक्टर भी हैरान रह गए. उसकी कहानी सुनकर आपका दिल दहल जाएगा. मामला मेरठ का है, जब एक 35 साल के शख्स के पेशाब के रास्ते खून जैसा लाल कीड़ा (Worm) बाहर आ गया. उसे देखकर डॉक्टरों के भी रोंगटे खड़े हो गए. हाल ही में इसको लेकर जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक में एक रिसर्च पब्लिश हुआ है. बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में जून 2015 में एक 35 वर्षीय व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया. उसे तेज बुखार था, पेशाब नहीं हो रहा था, चेहरा पीला पड़ गया था और दिल की धड़कन बेकाबू थी. डॉक्टरों को पहले लगा कि शायद मूत्राशय में कोई सामान्य इन्फेक्शन है. ऐसे में उन्होंने एंटीबायोटिक्स दीं और मूत्राशय से यूरीन निकालने के लिए कैथेटर डाला. लेकिन अगले दिन जो हुआ, उसने सबको हक्का-बक्का कर दिया.
हॉस्पिटल में व्यक्ति की नजर अचानक पेशाब की थैली (Urine Bag) पर गई, तो उसके होश उड़ गए. वो व्यक्ति डर के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगा और डॉक्टरों से मदद मांगी. दरअसल, थैली में उसने एक 30 सेंटीमीटर लंबा खून जैसा लाल कीड़ा देखा, जो जिंदा था और तड़प रहा था! उसे देखकर डॉक्टरों के भी रोंगटे खड़े हो गए. उन्होंने तुरंत उसकी तस्वीरें लीं और जांच की. जांच में पता चला कि यह डिक्टोफिमा रिनेल (Dioctophyma Renale) था, जिसे विशाल किडनी वर्म कहते हैं. यह इंसानों को संक्रमित करने वाला सबसे बड़ा परजीवी है. शख्स के पेशाब के रास्ते बाहर आया यह एक नर कीड़ा था, जो 3-4 मिलीमीटर चौड़ा था. डॉक्टरों ने बताया कि अगर यह मादा होती, तो वो एक मीटर से भी लंबा हो सकती थी. लेकिन सवाल ये था कि आखिर ये कीड़ा पेट के अंदर पहुंचा कैसे? जांच में डॉक्टरों ने पाया कि व्यक्ति को यह संक्रमण पास के झील से कच्ची मछली खाने की आदत से हुआ. इस परजीवी के लार्वा कच्ची या अधपकी मीठे पानी की मछलियों में रहते हैं.

शख्स के पेट से जिंदा निकला था ये कीड़ा.
डॉक्टरों से उस शख्स ने बताया कि उसने पहले भी कुछ ऐसे कीड़े पेशाब के साथ निकलते देखे थे, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया. जांच में पुष्टि हुई कि यह विशाल किडनी वर्म था, जो किडनी और मूत्राशय को नष्ट कर सकता है. इसके बाद डॉक्टरों ने अगले तीन दिन तक उस शख्स के यूरीन की जांच की, लेकिन कोई और कीड़ा या अंडे नहीं मिले. इससे पहले कि डॉक्टर पूरा इलाज कर पाते, वो शख्स अस्पताल से भाग गया. इसके बाद उस शख्स के बारे में कुछ पता नहीं चल सका. यह मामला जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित हुआ, जिसमें विशाल किडनी वर्म के दुर्लभ, लेकिन खतरनाक संक्रमण पर प्रकाश डाला गया. अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, यह परजीवी किडनी के अंदर बढ़ता है, यूरीन के बहाव को रोकता है और किडनी के काम को बिगाड़ता है. इससे पेशाब में खून, पेशाब करने में दिक्कत और गंभीर मामलों में किडनी भी खराब हो सकती है.
मेरठ के इस व्यक्ति का मामला ज्यादा गंभीर था, क्योंकि उसने पहले भी कीड़े निकलने की बात बताई थी. अगर समय पर उसका इलाज न होता, तो यह परजीवी पूरी किडनी को नष्ट कर देता. CDC के मुताबिक, इलाज में अक्सर प्रभावित किडनी को सर्जरी से निकालना पड़ता है. इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका मछली और मेंढक को अच्छी तरह पकाकर खाना और दूषित पानी से बचना है. बता दें कि यह मामला सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि एक चेतावनी है. व्यक्ति की कच्ची मछली खाने की आदत ने उसे इस खतरनाक परजीवी का शिकार बनाया. उसका अस्पताल से भाग जाना और अधूरा इलाज इस बीमारी की गंभीरता को और उजागर करता है. विशाल किडनी वर्म जैसे परजीवी चुपके से शरीर में प्रवेश करते हैं और जब तक सच सामने आता है, तब तक बहुत देर हो गई होती है.