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मरने के बाद इंसान का क्या होता है? इस पर कई विचार हैं. इस अपने फील्ड के कई एक्सर्ट्स ने अलग और अनोखे विचार दिए हैं. क्रिस लैंगन मानते हैं कि हम एक नए आयाम में चले जाते हैं. यूरी गेलर का मानना है कि जीवन मौत से…और पढ़ें

जीवन खत्म होने के बाद क्या होता है, इस पर कई लोगों के अजीब विचार हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
मरने के इंसान का क्या होता है? यह सवाल अपने आप में एक बड़ा रहस्य है और शायद हमेशा रहेगा. कई लोगों ने अपने ऐसे अनूठे अनुभव शेयर किए हैं जो मौत के मुंह से या फिर बिलकुल मरकर ही वापस लौटे हैं. किसी ने सुरंग का अनुभव बताया है तो किसी ने बहुत ही चमकीली रोशनी से सामना होने वाले अनुभव का जिक्र किया है. अभी तक ऐसे किसी अनुभव की वैज्ञानिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है. फिर भी अपने अपने फील्ड में एक्सपर्ट्स रहे कुछ लोगों ने अपने अनोखे अनुभव या विचार जाहिर किए हैं, जो काफी अजीब से भी हैं.
एक नए संबंध की ओर
दुनिया में सबसे ज्यादा आईक्यू रखने वाले अमेरिका के क्रिस लैंगन का दावा है कि उन्होंने इस सवाल का जवाब पता है. द मिरर के मुताबिक, 72 साल के इस शख्स का दावा है कि जब हम मरते हैं तो में एक नई हकीकत में चले जाते हैं. इस क्षण हमारा भौतिक दुनिया से संबंध टूट जाता है और हम एक नए आयाम में चले जाते हैं जो एक तरह का दूसरा ही शरीर होता है.
मौत से नहीं खत्म होता जीवन
तेल अवीव में म्यूजियम चलाने वाले यूरी गेलर मानते हैं कि यह संभव ही नहीं है कि जीवन मौत से खत्म होता है. वैज्ञानिक नजरिए से, जैसा की आइंस्टीन ने साबित किया है कि पदार्थ और ऊर्जा नष्ट नहीं किया जा सकते हैं. वे मानते हैं कि मौत के समय हम एक अलग ही आयाम में चले जाते हैं और हम अपने माता पिता, दादा दादी और प्यारे पालतू जानवरों से मिल पाते हैं. यह जीवन तो एक रास्ता भर है, जो हम अभी कर रहे हैं उसी से तय होता है कि आगे क्या मिलेगा?

मौत के बाद के हाल का रहस्य शायद ही कभी सुलझे, पर फिर भी इस पर कई धारणाएं हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
अभी में जियो भाई!
इटली के भौतिकविद और लेखक कार्लो का कहना है कि यह हास्यास्पद ही है कि कोई इस पर विश्वास करता है कि मौत के बाद भी कोई जीवन होता है. उन्हें लगता है कि लोग डर के कारण ऐसी कहानियां बना लेते हैं. जो बाद के जीवन में विश्वास करता है वह अपना और दूसरों का जीवन बर्बाद करने की कोशिश करता है. वे भी अभी लम्हों में जीने पर जोर देने की बात करते हैं.
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कभी जीवन और मौत के बीच के हालात पर रिसर्च कर चुकीं तुर्कीए- ब्रिटिश लेखिका एलिफ मानती हैं कि यह सफर बहुत ही जटिल होता है. कई बार मौत के बाद भी दिमाग में किसी ना किसी तरह की सक्रियता देखी गई है. वहीं बायोलॉजिस्ट और लेखक डॉ रूपर्ट मानते हैं कि मौत सपनों की वजह दुनिया है जहां मौत हमें फंसा देती है. इसमें हमारे पास जागने के लिए कोई भौतिक शरीर नहीं होता है. मरने के बाद हम सपनों के शरीर में चले जाते हैं, तब हमारे अनुभव कैसे होंगे यह हमारी खुद की यादों, आशाओं, डर और संबंधों आदि पर निर्भर करता है.