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Nilgaay in Patna: पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड की करजा पंचायत में सबसे ज्यादा करीब 2000 नीलगाय पाई गई हैं. किसान लगातार फसलों को बर्बाद करने की शिकायत कर रहे थे. स्थानीय किसानों ने तो अब तक 21 नीलगायों का शिकार …और पढ़ें

पटना के ग्रामीण इलाकों में बढ़ गया है नीलगायों का आतंक
हाइलाइट्स
- पटना में नीलगाय और जंगली सूअर मारने पर 750 रुपये मिलेंगे
- शूटरों को प्रति जानवर 750 रुपये और दफनाने पर 1250 रुपये मिलेंगे
- नीलगाय और सूअर से फसलों की बर्बादी रोकने के लिए अभियान
पटना. पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में फसलों की लगातार हो रही क्षति पर अब ब्रेक लगने वाली है. इसके लिए जिला प्रशासन बड़ा कदम उठाने जा रहा है. दरअसल, ग्रामीण इलाकों के खेतों में नीलगायों और जंगली सूअरों का आतंक काफी बढ़ गया है. यह दोनों जानवर खेतों में लहलहा रहे फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और इनको भगाने वाले लोगों पर भी हमला कर देते हैं. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. इसी परेशानी को दूर करने के लिए जिला प्रशासन अब इन दोनों जानवरों को मारने वाली है. इसके लिए शूटर बुलाया जाएगा और इन जानवरों का शिकार किया जायेगा.
नौबतपुर है इन जानवरों का गढ़
पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड की करजा पंचायत में सबसे ज्यादा करीब 2000 नीलगाय पाई गई हैं. किसान लगातार फसलों को बर्बाद करने की शिकायत कर रहे थे. स्थानीय किसानों ने तो अब तक 21 नीलगायों का शिकार भी किया है. इसके अलावा, पटना सदर के फतेहपुर पंचायत में 1000, मोकामा प्रखंड के मराची उत्तर पंचायत में 350, दानापुर के सरारी पंचायत में 80 और फतुहा के बारा पंचायत में 4 नीलगायों के शिकार के लिए प्रशासन को आवेदन दिए गए हैं. इन्हीं आवेदनों के आधार पर प्रशासन ने 3436 नीलगायों और सूअरों के शिकार की अनुमति दे दी है.
मारने वाले को मिलेगा रकम
जिला प्रशासन के द्वारा इन जानवरों को मारने का अभियान पंचायत स्तर पर किया जायेगा. इसके लिए मुखिया से कोऑर्डिनेशन मनाया जा रहा है. इन जानवरों का शिकार करने वाले शूटरों को प्रति नीलगाय और जंगली सुअर भुगतान भी किया जायेगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिकार करने वाले शूटरों को प्रति नीलगाय या सूअर के शिकार पर 750 रुपये दिए जाएंगे. वहीं, मारे गए जानवरों को जमीन में दफनाने के लिए 1250 रुपये की अतिरिक्त राशि भी मिलेगी. इससे किसानों के फसलों की बर्बादी रुकेगी और किसानों का भय भी खत्म होगा.