Last Updated:
Jharkhand Elephant Attack: झारखंड के कोडरमा में हाथियों ने उत्पात मचा दिया है. पहली बार शहर में घुस आए हैं. हैरान करने वाली बात ये कि वन विभाग ने इन्हें बिहार में भगा दिया था, लेकिन ये फिर लौट आए.

झुमरी तिलैया में हाथियों का झुंड
हाइलाइट्स
- हाथियों ने कोडरमा में 400 केले के पेड़ नष्ट किए
- हाथियों ने कई एकड़ गेहूं की फसल को रौंदा
- हाथियों को भगाने के लिए बंगाल से टीम आएगी
कोडरमा. झारखंड में कोडरमा के ग्रामीण इलाकों में करीब डेढ़ महीने से हाथियों का मूवमेंट देखा जा रहा है. वन विभाग लगातार हाथियों को कोडरमा जिले से बाहर करने के प्रयास में जुटा है. हाल के दिनों में वन विभाग ने हाथियों के झुंड को बिहार के जंगलों में प्रवेश कराया था, लेकिन एक बार फिर हाथियों ने वापस कोडरमा में दस्तक दी है.
इस बार हाथियों का झुंड शहर में प्रवेश कर गया. हाथियों का झुंड एक बड़े बाउंड्री कैंपस में है, जहां लगे 400 केले के पौधे को हाथी अपना आहार बनाकर विश्राम कर रहे हैं. झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 28 मडुआटांड और यदुटांड़ के इलाके में मंगलवार की देर रात अचानक हाथियों के झुंड ने खेतों में लगे गेहूं की फसल और बाउंड्री को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया.
दीवार टूटने और हाथियों की आवाज से लोगों की नींद खुली तो अफरातफरी मच गई. इस इलाके में आज तक हाथियों को नहीं देखा गया था. झुंड में बच्चे और बड़े हाथी मिलाकर 20 से 25 की संख्या में हैं. स्थानीय लोगों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग कोडरमा को दी. इसके बाद विभाग ने पटाखे छोड़कर और आग जलाकर हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर करने का प्रयास किया.
सिंचाई के अभाव में तैयार किया था गेहूं
ग्रामीण महावीर यादव ने बताया कि सिंचाई का बेहतर साधन नहीं होने के बावजूद उन्होंने गेहूं की फसल लगाई थी. हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से उन्होंने तैयार फसल को खेत में ही तिरपाल से ढक कर रखी थी. हाथियों के झुंड ने उनके तैयार गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे उन्हें करीब एक लाख की क्षति हुई है. इस दौरान हाथियों के झुंड ने बिजली विभाग द्वारा लगाए गए चार से पांच विद्युत पोल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. किसान रंजीत यादव ने बताया कि खेत में सिंचाई का साधन नहीं होने पर कुआं बनाकर उन्होंने काफी मेहनत से गेहूं की फसल तैयार की थी. अचानक पहुंचे हाथियों के झुंड ने करीब 15 एकड़ में लगे गेहूं की फसल को रौंद दिया है, जिससे उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है.
महुआ की सुगंध की तरफ आकर्षित होते हैं हाथी
वन विभाग कोडरमा से मौके पर पहुंचे एएसआई पंकज कुमार ने बताया कि पिछले दिनों जिले के ग्रामीण इलाकों में हाथियों के झुंड को देखा गया था. शहरी इलाके में हाथियों ने पहली बार प्रवेश किया है. अभी महुआ का सीजन है और हाथी इसकी सुगंध की तरफ आकर्षित होते हैं और उसी तरफ आगे बढ़ते हैं. उन्होंने लोगों से प्रशासन को सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने बताया कि वन विभाग अपेक्षा करता है कि हाथियों को सुरक्षित जंगली क्षेत्र में पहुंचाने के लिए ग्रामीण कम आबादी वाले रास्ते को खाली रखेंगे ताकि वन विभाग की टीम हाथियों को आबादी वाले इलाके से दूर कर सके.
नुकसान पर मुआवजे का भी प्रावधान
आगे बताया, कुछ किसानों की फसल और कुछ लोगों के मकान एवं बाउंड्री क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है. हाथियों के द्वारा नुकसान पहुंचाने पर विभाग के द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान है. इसके लिए लोगों को वन प्रमंडल पदाधिकारी के पास आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा. फिलहाल हाथियों का झुंड एक बड़े बाउंड्री के भीतर है. बाउंड्री में लगे केले के पौधों को भी हाथियों ने अपना चारा बनाया है. दिन में हाथियों का मूवमेंट कम होता है. हाथियों को सुरक्षित तरीके से जंगली क्षेत्र में पहुंचाने के लिए वन विभाग ने पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से एक विशेष टीम को बुलाया है. उन्होंने बताया कि हाथियों के मूवमेंट के दौरान अपने घर के आसपास आग जलाकर रखें और बच्चों को दूर रखें.