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मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अपनी अनोखी संस्कृति के लिए विश्वभर में जाना जाता है. जिसमें यहां का पहनावा, रंग, राग और संस्कृति अपने आप में अनोखी है. धार्मिक मान्यताएं अपने आप में अलग स्थान रखती है.

तमूरा राग में गाया शंकर – पार्वती विवाह
अर्पित बड़कुल/दमोह: मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को उसकी विशेष संस्कृति के लिए विश्वभर में माना जाता है. यहां की परिधान परंपरा, रंग, संगीत, और संस्कृति आपर्याप्त विशेषताओं से भरपूर है. इस भूमि की धार्मिक मान्यताएं अलग-अलग हैं, जिसके कारण देश के विभिन्न राज्यों में लोकरंग, लोकगीत, और लोक भजनों के माध्यम से ग्रामीण जनता को खुशियों में लीन करने का प्रयास होता है. इस क्षेत्र की विशेष पहचान को बनाए रखने के लिए, स्थानीय वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है, और यहां की कलाएं सामाजिक रूप से प्रसारित करने के लिए सड़कों, गलियों, और चौराहों पर बजाते गाते दिखाई देते हैं.
कुछ ऐसा ही वीडियो दमोह जिले की सीमा से निकले एक सुनवाही गांव से है, जहां युवक ने चंद्रभान वासुदेव की धुन पर भगवान भोले और माता गौरा के विवाह की कथा को स्थानीय भाषा और शब्दों में गाया है. उनकी आवाज और शैली बुंदेलखंड की भूमि से जुड़ी हुई दिख रही है और इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. इस भजन ने चंद्रभान वासुदेव को लोकप्रियता प्राप्त करने में मदद की है और उन्हें नाम और शोहरत दिलाने में सफलता मिली है.
वायरल वीडियो में दिखने वाला युवक चंद्रभान बासुदेव, बुंदेली लोक राग को अत्यधिक रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे लोगों के दिलों में उस राग की विशेषता और सौंदर्य बिखर रहा है. इसका परिणामस्वरूप, उनके गायन की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. उनके आदर्शनीय गायन से पूरे क्षेत्र में एक आश्चर्यजनक संवाद प्रारंभ हो चुका है, जिससे बुंदेलखंड के गायक भी उनके प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं. चंद्रभान का यह कला प्रदर्शन ने उन्हें सोशल मीडिया पर स्टार बना दिया है, जिससे देश के युवक-युवती भी प्रेरित हो रहे हैं और उनके उदाहरण से सिख लेते हैं.