Thursday, April 17, 2025
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Jhansi News: मानव बाल से मिट्टी की मजबूती पर बुन्देलखण्ड इंस्टिट्यूट का शोध


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Jhansi News In Hindi: बुन्देलखण्ड इंस्टिट्यूट ऑफ एंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने मिट्टी में मानव बाल मिलाकर उसकी ताकत बढ़ाने का अध्ययन किया. इससे सड़क निर्माण में लागत और श्रम की बचत होगी.

मानव बाल से मिट्टी की मजबूती पर बुन्देलखंड इंस्टिट्यूट का शोध

Jhansi News

हाइलाइट्स

  • मानव बाल मिलाने से मिट्टी की ताकत बढ़ती है.
  • सड़क निर्माण में लागत और श्रम की बचत होगी.
  • बालों का उपयोग ठोस अपशिष्ट समस्याओं का समाधान करेगा.

झांसी: बुन्देलखण्ड इंस्टिट्यूट ऑफ एंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है. इसमें मिट्टी में फाइबर के रूप में मानव बाल का उपयोग किया गया. एक निश्चित मात्रा में मानव बाल मिलाने से मिट्टी की ताकत सबसे अच्छी पाई गई. इस मिश्रण का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा सकता है, जिससे सड़क की समान मजबूती के लिए कम मोटाई की आवश्यकता होगी. इससे लागत और श्रम, दोनों में कमी आएगी.

मिट्टी को मजबूती देंगे बाल
विभागाध्यक्ष प्रो. अभय कुमार वर्मा ने अपने छात्रों के एक समूह के साथ एक प्रोजेक्ट के तहत मिट्टी में कुछ प्रतिशत मानव बाल मिलाकर उसकी ताकत का अध्ययन किया. टीम ने मानव बाल के विभिन्न इंजीनियरिंग उपयोगों की खोज और आकलन किया, ताकि इसे संसाधन के रूप में बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सके. साथ ही, इससे संबंधित ठोस अपशिष्ट और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान भी किया जा सके.

टीम ने किया रिसर्च
शोध में मानव बाल के ऐतिहासिक और वर्तमान उपयोगों की समीक्षा की गई है. इस समीक्षा के आधार पर मौजूदा मानव बाल उपयोग में समस्याओं और अन्तरालों की पहचान की गई है और इन्हें हल करने के तरीकों पर चर्चा की गई है. मानव बाल को “अपशिष्ट से संसाधन” बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल, और सम्भावित बाजारों जैसे उद्यमशीलता सम्बन्धी विचारों पर भी चर्चा की गई है.

यह काम करता है बाल
निर्माण कार्य शुरू करने से पहले मिट्टी का स्थिरीकरण बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब मिट्टी संरचनात्मक भार सहने के लिए उपयुक्त नहीं होती. ठोस अपशिष्ट भी एक बड़ी समस्या है और डंपिंग के लिए अधिक भूमि का उपयोग होता है. इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य मानव बाल फाइबर का उपयोग करके मिट्टी का स्थिरीकरण करना है, क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध और सस्ता होता है. एटरबर्ग लिमिट्स, प्रॉक्टर कॉम्पैक्शन टेस्ट और सीबीआर जैसे परीक्षणों के माध्यम से मिट्टी पर फाइबर सामग्री के प्रभाव को देखा गया. मानव बाल सस्ता और उपलब्ध होने के कारण, प्रयोगों से पता चला है कि इसे एक निश्चित मात्रा में मिलाने से मिट्टी की क्षमता बढ़ती है और सबग्रेड सतह की मोटाई कम की जा सकती है. इस प्रकार, इस प्रयोग से कुल लागत और श्रम की बचत होती है.

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