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Uttarakhand Ration distribution: उत्तराखंड में अब पारंपरिक राशन प्रणाली की जगह ई-पॉश मशीनों के माध्यम से राशन बांटने की शुरुआत की गई है. इससे काम में पारदर्शिता आएगी और जनता का विश्वास बढ़ेगा.

उत्तराखंड में ई-पॉश मशीन ने बटेंगा राशन
हाइलाइट्स
- उत्तराखंड में ई-पॉश मशीन से राशन वितरण शुरू.
- हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च.
- गोदामों में इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाए गए.
देहरादून: देशभर में डिजिटल इंडिया की मुहिम ने सरकारी सेवाओं को पारदर्शी और सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाई है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने भी राशन वितरण प्रणाली को तकनीकी रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. राज्य सरकार ने अब पारंपरिक राशन वितरण प्रणाली से आगे बढ़ते हुए ई-पॉश (Electronic Point of Sale) मशीनों के माध्यम से राशन वितरण की नई शुरुआत की है.
अभी पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
इस अत्याधुनिक व्यवस्था की लॉन्चिंग बीते गुरुवार को हरिद्वार के मंगलौर कृषि उत्पादन मंडी परिसर में की गई थी. प्रदेश की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने इस अवसर पर ई-पॉश मशीनों (e-PoS machines) के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की. यह सुविधा सबसे पहले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में लागू की जा रही है, जिसे मई माह से पूरे प्रदेश में विस्तार देने की योजना है.
ई-पॉश मशीन का उद्देश्य केवल राशन वितरण नहीं, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता, सटीकता और उपभोक्ता हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है. अब लाभार्थियों को पूरा वजन, उत्तम गुणवत्ता और तकनीकी पुष्टि के साथ राशन मिलेगा.
क्या है ई-पॉश मशीन और क्यों है खास?
ई-पॉश मशीन एक डिजिटल उपकरण है जो उपभोक्ता की पहचान आधार से जोड़कर फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन के माध्यम से सत्यापित करता है. लेकिन खास बात यह है कि अब जिन लाभार्थियों के फिंगरप्रिंट या आइ स्कैन पहले फेल हो जाते थे, वे भी अब आसानी से राशन पा सकेंगे. इससे पहले कई लोग तकनीकी गड़बड़ी के कारण राशन से वंचित रह जाते थे, पर अब यह बाधा दूर हो गई है.
मिलेगा तौलकर पूरा राशन
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य के सभी गोदामों में अब इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाए गए हैं, जिससे राशन विक्रेताओं को भी पूरी मात्रा में राशन मिल सकेगा. इससे उपभोक्ताओं को सही मात्रा में राशन मिलने की उम्मीद और मजबूत हो गई है.
गौरतलब है कि शुरुआत में ई-प़ॉश मशीन पांच राशन डीलरों को दी गई थी. इससे यह साफ हो गया कि प्रणाली केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर भी कार्य कर रही है. हालांकि मई से इसे प्रदेशभर में लागू करने की तैयारी है.
डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम
ई-पॉश मशीन की शुरुआत उत्तराखंड में राशन वितरण व्यवस्था को तकनीकी रूप से सक्षम और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल है. इससे जहां लाभार्थियों को बिना किसी कठिनाई के गुणवत्ता युक्त और सटीक मात्रा में राशन मिलेगा, वहीं डीलरों और शासन के बीच विश्वास और पारदर्शिता भी मजबूत होगी.
डिजिटल इंडिया की परिकल्पना अब धीरे-धीरे ग्रामीण और जरूरतमंद तबके तक भी पहुंच रही है और इस परिवर्तनशील युग में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है. हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर से शुरू हुआ यह सफर जल्द ही पूरे उत्तराखंड को जोड़ता जाएगा.