Thursday, April 17, 2025
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Indian Army Story: पिता का सपना, बेटी की जीत, UPSC NDA में 27वीं रैंक, अब बनेंगी फौजी अफसर


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Indian Army Story: अगर इंसान को खुद पर भरोसा हो, तो किसी भी चीज को पा सकते हैं. फिर UPSC NDA की परीक्षा ही क्यों न हो, उसे भी पास कर लिया जाता है. ऐसी ही कहानी एक लड़की की है, जिन्होंने दृढ़ संकल्प और मेहनत के …और पढ़ें

पिता का सपना, बेटी की जीत, UPSC NDA में 27वीं रैंक, अब बनेंगी फौजी अफसर

Indian Army NDA Story: NDA में 27वीं रैंक हासिल करके अब सेना में बनेंगी ऑफिसर

हाइलाइट्स

  • नंदिनी वायकर ने NDA में 27वीं रैंक हासिल की.
  • वायकर NDA में तीसरी टॉप रैंकधारी महिला बनीं.
  • पिता का सपना, बेटी की मेहनत से साकार हुआ.

Indian Army Story: कहते हैं न कि अगर खुद पर भरोसा हो, तो किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है. इस वाक्य को नंदिनी वायकर (Nandini Waikar) ने सही साबित कर दिखाया है. उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बलबूते नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में 27वां स्थान प्राप्त किया है. यह न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण की कहानी है, बल्कि एक मजबूत पारिवारिक सपोर्ट और मानसिक साहस की मिसाल भी है.

लड़कियों के पहले बैच की सफलता के बीच नई उपलब्धि
जून 2022 में जब एनडीए ने पहली बार महिला कैडेटों के लिए अपने द्वार खोले तब यह कदम ऐतिहासिक बन गया. अब, उस पहले बैच के पास आउट होने से ठीक पहले नंदिनी एक नई प्रेरणा बनकर उभरी हैं. उनका यह सफर फिजिकल और मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है, लेकिन उन्होंने इसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर दी है. उनके पिता ने गर्व से कहा कि वो कई बार टूटी, लेकिन कभी रुकी नहीं. हम हमेशा उसके साथ थे. अब उसका सपना सच हो रहा है.

देश की तीसरी टॉप रैंकधारी महिला
नंदिनी वायकर ने पूरे भारत में 27वीं रैंक हासिल की और वह इस चयन में तीसरे स्थान की महिला उम्मीदवार बनीं हैं. उन्होंने बताया कि एनडीए में जाने का निर्णय उन्होंने तीन साल पहले ही ले लिया था और तब से वह लगातार तैयारी कर रही थीं. उनका सबसे कठिन अनुभव एसएसबी इंटरव्यू रहा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमेशा अलग-अलग विषयों पर बोलने की आदत ने उनकी ट्रांसमीटिंग पावर और आत्मविश्वास को मज़बूत किया है.

पिता की आंखों में सपना, बेटी की मेहनत ने दी उड़ान
नंदिनी के पिता अपनी भावनाओं को छिपा नहीं सके. उन्होंने बताया कि जब मैं उसे परेड में ले जाता था, उसकी आंखों की चमक बता देती थी कि वह किस ओर जाना चाहती है. आज वह सपना साकार हो गया. उनकी मां ने भी गर्व से कहा कि वह अक्सर बेटी को छत्रपति शिवाजी महाराज की कहानियां सुनाया करती थीं. उन्होंने आगे कहा कि वह उन्हीं की तरह देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहती थी.

समानता ही असली ताकत है
नंदिनी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि एनडीए में उन्हें कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी. वायकर ने कहा कि प्रशिक्षण सभी के लिए बराबर है. हम यहां विशेष व्यवहार की उम्मीद नहीं करते, बल्कि बराबरी का सामना करते हैं. अपने इस सफर को याद करते हुए कहा कि खुद पर भरोसा रखें. समाज की सीमाएं आपके सपनों को न बांधें. रास्ता कठिन होगा, लेकिन उसकी हर चुनौती अपने आप में एक सीख और जीत होगी.

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