अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर ने अब बेहद खतरनाक मोड़ ले लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अब खुली धमकी दी है कि ‘अगर 24 घंटे में चीन ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो हम उस पर 84% टैक्स लगा देंगे.’
ट्रंप ने यह बयान चीन की तरफ अमेरिका पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैक्स लगाए जाने के महज 48 घंटे के भीतर दिया. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही ट्रंप ने चीन पर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, जिसे चीन ने तत्काल पलट कर जवाबी टैरिफ के रूप में इतना ही टैरिफ अमेरिका पर ठोक दिया. अब ट्रंप ने इसमें और 50 प्रतिशत की वृद्धि करने की धमकी दी है, जिससे चीन के खिलाफ कुल अमेरिकी टैरिफ 84 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने पहले से लागू 20 प्रतिशत के वैश्विक टैरिफ को भी जोड़ा है, जिससे चीनी माल पर कुल मिलाकर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू हो जाएगा.
ट्रंप ने यह धमकी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर दी, जिसमें उन्होंने लिखा,
‘चीन ने कल अमेरिका पर 34 प्रतिशत के अतिरिक्त टैक्स लगा दिए हैं, जो उनकी पहले से ही रिकॉर्ड-तोड़ टैरिफ, अवैध सब्सिडी और मुद्रा हेरफेर की नीतियों के ऊपर हैं. मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि जो भी देश अमेरिका पर अतिरिक्त टैक्स लगाएगा, उस पर हम पहले से भी ज़्यादा भारी टैक्स लगा देंगे.’
ट्रंप यहीं नहीं रुके. उन्होंने दो टूक कहा,
‘अगर चीन ने कल, यानी 8 अप्रैल 2025 तक यह फैसला वापस नहीं लिया, तो अमेरिका 9 अप्रैल से चीन पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लागू करेगा.’
क्या चीन को बर्बाद करने की राह पर हैं ट्रंप?
ट्रंप की इस धमकी से साफ है कि वे चीन को ट्रेड वॉर में हर हाल में मात देना चाहते हैं. उनके मुताबिक, यह सिर्फ एक आर्थिक रणनीति नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रवाद और अमेरिकी आत्मनिर्भरता’ की लड़ाई है. ट्रंप समर्थकों के बीच इस ऐलान को ‘फाइनल शॉट’ के तौर पर देखा जा रहा है- एक ऐसा फैसला जो चीन को घुटनों पर ला सकता है.
बीजिंग में अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, चीनी नेतृत्व आपात बैठकें कर रहा है. ट्रंप की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा रहा. अगर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है, तो इससे चीन की अमेरिका में होने वाली एक्स्पोर्ट इंडस्ट्री को गहरा झटका लगेगा, जिसका सीधा असर करोड़ों नौकरियों और आर्थिक स्थिरता पर पड़ सकता है.
अमेरिका और चीन एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदार हैं, पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी वस्तुओं की बिक्री 500 बिलियन डॉलर से अधिक थी, जो देश के निर्यात का 16.4% है. हालांकि, चीन रियल एस्टेट क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे ऋण संकट और कम खपत से जूझ रहा है, जिसने उसकी आर्थिक सुधार को बाधित किया है.