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Haridwar: वैशाख मास की कुछ तिथियां बेहद खास हैं. मान्यता है कि इन तिथियों पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है.

वैशाख मास की खास तिथियों पर भगवान विष्णु की आराधना करने का महत्व
हाइलाइट्स
- वैशाख मास की तिथियां भगवान विष्णु को प्रिय हैं.
- वरुथिनी और मोहिनी एकादशी का व्रत विशेष फलदायी है.
- विष्णु मंत्रों का जाप करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं.
हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 12 मास यानी 12 महीने होते हैं. सभी मास किसी देवता या भगवान को समर्पित बताएं गए हैं. उस मास में समर्पित देव की पूजा करने से उस तिथि का संपूर्ण फल प्राप्त होता है. हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख मास होता है. यह महीना भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय बताया गया है. इस माह में वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है.
जहां वरुथिनी एकादशी से कन्यादान के समान फल मिलता है तो वही मोहिनी एकादशी का व्रत करने से मोह माया के सभी बंधन कट जाते हैं. ऐसे ही वैशाख मास की कुछ तिथियां बेहद ही खास हैं जिन पर भगवान विष्णु के स्त्रोत, मंत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ विधि विधान से करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है.
कौन सी तिथियां हैं खास
वैशाख मास की किन तिथियों पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए इसकी जानकारी देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि सभी 12 महीनों में वैशाख मास का अपना महत्व है. यह महीना भगवान विष्णु को अधिक प्रिय होता है. इस मास में कुछ तिथियां ऐसी हैं जिन पर भगवान विष्णु की आराधना, पूजा पाठ, व्रत, स्तोत्र और मंत्रों का जाप करने से विशेष फल मिलते हैं. इसी मास में कन्यादान के समान फल की प्राप्ति के लिए वरुथिनी एकादशी का आगमन होता है तो मोह माया के सभी बंधनों से छुटकारा दिलाने के लिए मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाता है.
करें इसका पाठ
वे आगे बताते हैं की वैशाख कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि, अष्टमी तिथि, एकादशी तिथि, द्वादशी तिथि, त्रयोदशी तिथि, अमावस्या तिथि इसके अलावा वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, तृतीया तिथि, चतुर्थी तिथि, पंचमी तिथि, षष्ठी तिथि, सप्तमी तिथि, अष्टमी तिथि, एकादशी तिथि, द्वादशी तिथि, चतुर्दशी तिथि और पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु स्तोत्र, विष्णु भगवान का महा फलदायक मंत्र आदि का पाठ करने से चमत्कारी लाभ होते हैं.
108 बार करें जाप
इन तिथियां पर भगवान विष्णु के महा फलदायक मंत्र का 108 बार सुबह और संध्या काल में जाप किया जाए तो भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी समस्याएं और पूर्व जन्म समेत सभी पापों का नाश कर देते हैं. विष्णु भगवान की आराधना करने से साधक के जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है और अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इन तिथियों पर विष्णु भगवान की आराधना, पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करने के बाद दशांश मंत्रों से हवन करने पर कभी न समाप्त होने वाले फल की प्राप्ति होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.