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Palamu News In Hindi: पलामू के किसान ओमकार नाथ ने अपने खेत में डिस्टिलेशन प्लांट लगाकर लेमनग्रास और पिपरमेंट का तेल निकालना शुरू किया, जिससे उन्हें और आस-पास के किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.

डिस्लेशन प्लांट के साथ ओमकार नाथ
हाइलाइट्स
- ओमकार नाथ ने खेत में डिस्टिलेशन प्लांट लगाया.
- लेमनग्रास और पिपरमेंट का तेल निकालकर मुनाफा कमा रहे हैं.
- आस-पास के किसान भी इस प्लांट से लाभान्वित हो रहे हैं.
Palamu News: आजकल किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं जिससे वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके लिए किसान लेमनग्रास और पिपरमेंट की खेती कर रहे हैं. मगर इसका तेल निकालना किसानों के लिए समस्या भरा रहता है. ऐसे में एक किसान ने अपने खेत में तेल निकालने का प्लांट लगा दिया, जिससे आस-पास के किसानों को भी लाभ मिलेगा.
दरअसल, पलामू जिले के पड़वा प्रखंड के रहने वाले ओमकार नाथ 2021 से पिपरमेंट की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों का मुनाफा हो रहा है. लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी समस्या पिपरमेंट के तेल निकालने में होती थी. इसके बाद किसान ने अपने खेत में तेल निकालने का प्लांट लगा दिया, जिससे वे अब खुद से खेती कर तेल निकालते हैं.
खेत में बैठाया डिस्लेशन प्लांट
किसान ओमकार नाथ ने लोकल18 को बताया कि वे 2021 से लेमनग्रास की खेती कर रहे हैं. इसमें प्रति एकड़ लागत 20 से 25 हजार रुपये आती है, और इससे 1 क्विंटल तक तेल निकलता है. यह तेल बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है. हालांकि, तेल निकालने में उन्हें हमेशा समस्या होती थी. इसके बाद उन्होंने सीएमएफ लखनऊ की मदद से अपने खेत में डिस्टिलेशन प्लांट लगवा लिया, जिससे वे अब खुद तेल निकालते हैं. इससे आस-पास के किसानों को भी लाभ हो रहा है.
नीलगाय से परेशान किसान करते है इन चीजों की खेती
उन्होंने बताया कि यहां के किसान नीलगाय से बहुत परेशान हैं, जिससे उनकी फसल को नुकसान होता है. इसलिए उन्होंने पिपरमेंट उगाना शुरू किया, जिसे नीलगाय नुकसान नहीं पहुंचाती. लेकिन तेल निकालने की समस्या थी, इसलिए उन्होंने इस प्लांट को लगाया, जो लेमन ग्रास, तुलसी, ख़स, पिपरमेंट जैसी एरोमेटिक फसलों से तेल निकालने का काम करता है, जिसका बाजार में बहुत ज्यादा मूल्य है.
ऐसे करता है काम
उन्होंने बताया कि इस प्लांट में 500 लीटर की टंकी, कंडेंसर और एक छोटी टंकी है. यह एरोमेटिक प्लांट का तेल निकालने के लिए एक लंबी प्रक्रिया के बाद काम करता है, जिसमें 4 से 5 घंटे का समय लगता है. उन्होंने कहा कि 500 लीटर की टंकी में एक चौथाई पानी भरा जाता है, फिर बाकी हिस्से में पिपरमेंट या लेमनग्रास के पत्ते डाले जाते हैं. इसके बाद टंकी के नीचे बने चूल्हे में आग लगाई जाती है. इस प्रक्रिया के 4 से 5 घंटे बाद, एक बार में 4 से 5 लीटर तेल निकलता है, जो बाजार में 1000 या 1200 रुपए प्रति लीटर बिकता है. उन्होंने कहा कि प्लांट लगने के बाद उन्हें बेहतर लाभ मिल रहा है. अब तक वे 20 लीटर तक तेल निकालकर बाजार में 960 रुपए प्रति लीटर की दर से बेच चुके हैं.