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अक्सर आपने कई ऐसे गांव का नाम सुना होगा, जिसे सुनकर आपको अजीब लगा होगा, क्योंकि कुछ गांव का नाम काफी अतरंगी है. ऐसा ही एक गांव छत्तीसगढ़ में है, जिसे सुनकर लोग हंस पड़ते हैं.

पत्थलगांव
हाइलाइट्स
- गांव का नाम ‘चुड़ैलझरिया’ बदलने की मांग.
- नाम से गांव की छवि नकारात्मक होती है.
- गांववालों ने ‘सुंदरझरिया’ नाम की शुरुआत की.
अम्बिकापुर:- सरगुजा संभाग के पत्थलगांव के ग्राम पंचायत पतरापाली के एक छोटे से गांव “चुड़ैलझरिया” का नाम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणो ने चुड़ैल झड़िया गांव के नाम को बदलकर सुंदर झड़िया रखने की मांग की है. गांव के निवासियों का कहना है कि “चुड़ैल झाड़िया” जैसे गांव का नाम लेने से शर्मशार होना पड़ता है. ग्रामीणों का मानना है कि यह नाम उनके गांव की छवि को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है.
क्यों पड़ा गांव का नाम ‘चुड़ैल झाड़िया’ ?
चुड़ैल झड़िया का अर्थ भूतों का नाला होता है. यह शब्द ऐतिहासिक रूप से अंधविश्वास से जुड़ा हुआ है. असल में ‘चुड़ैल झाड़िया’ का मतलब है ‘चुड़ैल का नाला’ निकलता है. यह गांव चारों ओर प्राकृतिक से परिपूर्ण है. चारों तरफ जंगल झाड़ी है, छोटे-छोटे नाला हैं. लोगों का मानना है कि कई साल पहले इस नाला से कई रहस्मयी आवाजें आती थी. जिस पर लोगों को चुड़ैल होने का संदेह था. इसी वजह से इस गांव का नाम चुड़ैल झड़िया रखा गया था.
लोगों को होना पड़ता है शर्मशार
चुड़ैल शब्द का इस्तेमाल अक्सर भूत पिचास तौर पर किया जाता है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. महिलाओं का कहना है कि जब उनकी गांव की बेटी का दूसरे गांव में शादी किया जाता है, तो उसे उसके गांव के नाम से पुकारा जाता है. महिलाओं का कहना है कि इससे उन्हें अपमानित होना पड़ता है. हालांकि ग्रामीणों ने अब इस गांव का नाम चुड़ैल झड़िया को बदलकर सुंदर झाड़िया करने का प्रयास कर रहा है.
अब गांववालों ने मिलकर चुड़ैल झरिया की जगह सुंदरझरिया नाम बदलने की मांग की है. आपसी बोलचाल में ग्रामीणों ने चुड़ैल की जगह सुंदर झरिया की शुरुआत भी कर दी है. उनका कहना है कि ‘चुड़ैल’ शब्द गांव की पहचान को मज़ाक बना देता है. अब देखना होगा कि गांव के जनप्रतिनिधि इस मामले क्या कारवाई करते हैं. हालांकि ग्राम के सरपंच भी ग्रामीणों की मांग को लेकर गंभीर दिख रहे हैं.