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गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर कुलियों की मनमानी और बेईमानी का नमूना देखने को मिल रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए एस्केलेटर को कुली इमरजेंसी बटन दबा कर रोकते नजर आ रहे हैं.

बिना कुली के आराम से सामान ले जा रहे यात्री हो रहे परेशान (इमेज- फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- गाजियाबाद स्टेशन पर कुली इमरजेंसी बटन दबाकर एस्केलेटर रोक रहे हैं
- एस्केलेटर बंद होने से बुजुर्गों और महिलाओं को परेशानी हो रही है
- आरपीएफ ने कुलियों के खिलाफ एक्शन लेने का फैसला किया है
भारत में ज्यादातर लोग यात्रा के लिए ट्रेन का सहारा लेते हैं. छोटे स्टेशन पर तो यात्री अधिक सामान के साथ मैनेज कर लेते हैं लेकिन बड़े स्टेशनों पर कुलियों की मदद की दरकार होती है. अपने सामान के साथ यात्री आराम से प्लेटफॉर्म पर ट्रेवल कर पाएं, इसके लिए गाजियाबाद स्टेशन पर एस्केलेटर की सुविधा चालु की गई थी. बुजुर्गों और महिलाओं को खासकर इससे फायदा हो रहा था. लेकिन इस सुविधा ने कुलियों का धंधा मंदा कर दिया था.
यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू किये गए एस्केलेटर की सीढ़ियां अब इमरजेंसी बटन दबाकर कुली रोक रहे हैं. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. इसकी वजह से यात्रियों, खासकर बुजुर्गों और महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जब भी यात्री इसपर चढ़ते हैं, अचानक ही इमरजेंसी बटन दबाकर इसे रोक दिया जाता है. इससे दुर्घटना के चांसेस भी काफी बढ़ जाते हैं. कई लोगों से शिकायत मिलने के बाद अब आरपीएफ ने इसपर एक्शन लेने का फैसला किया है.
लगातार हो रही है दिक्कत
पहले गाजियाबाद स्टेशन पर बुजुर्ग या महिलाएं अपने सामान को प्लेटफॉर्म या ट्रेन तक ले जाने के लिए कुली बुलाते थे. लेकिन जब से स्वचालित सीढ़ियां लगी है, तब से ये बिना कुली के आराम से प्लेटफॉर्म तक चले जा रहे हैं. इस बात से कुलियों में नाराजगी है. ऐसे में जब भी लोग एस्केलेटर का इस्तेमाल करते हैं, अचानक ही ये चलते-चलते रुक जाती है. इसके बाद उन्हें सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है, जिससे परेशानी होती है. जांच में पता चला कि स्टेशन के कुली ही छिपकर इमरजेंसी बटन दबा देते हैं.
एस्केलेटर से हुआ कुलियों को नुकसान
जैसे ही एस्केलेटर बंद होता है, कुलियों की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में अपनी कमाई के लिए ये लोग जानते हुए एस्केलेटर बंद कर रहे हैं. यूं अचानक इमरजेंसी बटन दबाने से हादसे भी हो सकते हैं. दिन में कई-कई बारे इमरजेंसी बटन दबाए जाते हैं. जब इस बारे में न कुलियों से बात की गई तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया. अब मामला सामने आने पर आरपीएफ ने कुलियों से बातचीत करने का फैसला किया है. इसके बाद ही आगे का रास्ता निकाला जाएगा. बता दें कि हर दिन गाजियाबाद स्टेशन पर करीब दस हजार से अधिक यात्री आते हैं. अगर कोई हादसा हो जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है.