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Doon Animal Welfare Society: दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी देहरादून में 2016 से आवारा और घायल पशुओं की सेवा कर रही है. आशु अरोड़ा द्वारा शुरू की गई इस संस्था के पास अब 1500 गोवंश हैं.

बेजुबान आवारा पशुओं के लिए मसीहा बन रही है देहरादून की यह संस्था
हाइलाइट्स
- दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी 2016 से पशुओं की सेवा कर रही है.
- संस्था के पास अब 1500 गोवंश हैं.
- घायल पशुओं का इलाज और भरण-पोषण करती है.
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेजुबान और आवारा पशुओं के लिए दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी (Doon Animal Welfare Society) मसीहा बनकर उभरी है. यह संस्था 2016 से काम कर रही है और इसके वालंटियर राजधानी की सड़कों पर चोटिल गोवंश को इलाज के लिए ले जाकर उनका उपचार करते हैं. इसके साथ ही यह संस्था बेसहारा और बेजुबान पशुओं का भरण-पोषण भी करती है. दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी देहरादून में गोसदन भी संचालित करती है, जिसमें हजारों वालंटियर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
बेजुबानों का बने सहारा
संस्था के ट्रस्टी आशु अरोड़ा ने बताया कि वह अक्सर देखते थे कि लोग अपनी बूढ़ी गायों को सड़कों पर छोड़ देते थे, जिससे कई बार वाहन चालक इन्हें टक्कर मारकर चले जाते थे. सर्दियों के मौसम में ये घायल और बेसहारा पशु मर जाते थे. यह सब देखकर उन्हें बहुत दुख होता था, इसलिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इस संस्था की शुरुआत की ताकि इन गोवंशों का इलाज और पालन-पोषण किया जा सके. उनका मानना है कि बेजुबान पशु भी हमारे समाज का हिस्सा हैं और उनके लिए जो कुछ भी किया जा सकता है, वह बहुत कम है.
आशु ने बताया कि 2016 में उन्होंने दून एनिमल वेलफेयर संस्था की शुरुआत की थी. उस समय वह और उनकी टीम गली-मोहल्ले और सड़कों पर घायल और बीमार जानवरों का इलाज करते थे. लेकिन जब उन्होंने गोवंशों की पीड़ा को देखा, तो उन्होंने गोसदन बनाने का फैसला किया.
5 गोवंशों के साथ शुरू किया था गोसदन
आशु ने बताया कि उन्होंने इस गोसदन की शुरुआत 5 गोवंशों के साथ की थी. 2019 तक उनके गोसदन में लगभग 40 गोवंश हो गए थे. अब, उनकी संस्था के पास तीन गौशालाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें 1500 गोवंश हैं. आशु का सपना है कि वह अपनी जिंदगी में कम से कम 10,000 गोवंशों की सेवा कर सकें.
अगर आपको देहरादून में किसी बीमार या घायल गोवंश का सामना होता है, तो आप दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी के फेसबुक पेज पर उनसे कॉन्टैक्ट कर सकते हैं. इस संस्था से जुड़कर आप घायल गोवंश का उपचार करने में मदद कर सकते हैं.