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Sankashti Chaturthi 2025: गणेश भगवान रिद्धि सिद्धि और विद्या को प्रदान करने वाले हैं. वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल बुधवार के दिन होने से इसका भक्तों को पुण्य लाभ मिलेगा.

वैशाख मास की चतुर्थी तिथि
हाइलाइट्स
- गणेश चतुर्थी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी.
- इस व्रत से अपार धन और कष्टों से मुक्ति मिलेगी.
- गणेश पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
हरिद्वार: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 24 चतुर्थी व्रत का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. हिंदू धर्म में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पहले रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश भगवान को पूजने का विधान है. कहा जाता है कि गणेश भगवान का सर्वप्रथम पूजन किया जाता है जिसके बाद सभी कार्य निर्विघ्न हो जाते हैं. गणेश भगवान रिद्धि सिद्धि और विद्या को प्रदान करने वाले हैं. वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल बुधवार के दिन होने से इसका भक्तों को पुण्य लाभ मिलेगा. इस दिन गणेश भगवान का व्रत और कुछ उपाय करने से सभी कष्टों से छुटकारा और अपार धन की प्राप्ति होने की मान्यता है.
कब है गणेश चतुर्थी और कैसे करें पूजा
वैशाख कृष्ण पक्ष में होने वाली चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल में कुल 24 चतुर्थी तिथि का आगमन होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि पर रिद्धि सिद्धि और नव निधि के दाता गणेश भगवान की पूजा आराधना, व्रत, स्तोत्र, मंत्रों का जाप करना बेहद ही फलदायक है. वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल बुधवार के दिन होगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके संकष्टी चतुर्थी का व्रत करना चाहिए और पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम के समय गणेश भगवान की पूजा करें.
चतुर्थी का व्रत करने से मिलती है दुखों से मुक्ति
वह आगे बताते हैं कि संकष्टी चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की स्तुति, पूजा पाठ, व्रत आदि करने से जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं रहती. वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत करने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति, सभी दुखों से मुक्ति, कार्यों में आने वाली सभी बाधा खत्म हो जाती है और जीवन में सुख समृद्धि, खुशहाली का आगमन होता है. हिंदू धर्म में गणेश भगवान को का पूजन सबसे पहले किया जाता है गणेश भगवान विद्या, बल, बुद्धि, धन, रिद्धि सिद्धि के दाता है. वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत बेहद महत्वपूर्ण और विशेष फल प्रदान करने वाला है.