Last Updated:
jaynagar railway station to nepal distance: यदि आप भी विदेशी ट्रेन में सफर करना चाहते हैं तो हम आपको भारत के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दीवार के इस पार भारतीय रेल की ट्रेन चलती हैं तो…और पढ़ें

यहां से गुजरती दो देशों की ट्रेन
मधुबनी: बिहार में भारत का अंतिम रेलवे स्टेशन मधुबनी के जयनगर में है. यहां अपने देश के अलावा नेपाल जाने के लिए भी स्टेशन है. भारत और नेपाल के स्टेशन से बीच थोड़ी दूरी है लेकिन, दोनों स्टेशनों पर जाने के लिए ओवरब्रिज बनाया गया है. इससे एक साथ देश के और विदेश के रेलवे स्टेशन पर घूम सकते हैं और इसके साथ ही इण्डियन रेलवे और विदेशी रेलवे से घूम भी सकते हैं.
मधुबनी जिला के जयनगर में बिहार का या यूं कहे कि देश का सबसे अंतिम रेलवे स्टेशन है. यह नॉर्थ रेलवे है. जयनगर में दो देशों की रेल एक साथ जाती है. एक जगह से दोनों तरफ की ट्रेन गुजरती है. एक तरफ इंडियन रेलवे है जहां से दिल्ली और मुंबई सहित देश के कोने-कोने में जा सकते हैं. यहां एक बड़ी सी दीवार है और दीवार के उस साइड नेपाल का रेलवे स्टेशन है. वहां से नेपाल की तरफ ट्रेन जाती हैं. आम बोलचाल में इसे जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन कहते हैं.
जैसे ही आप नेपाली रेलवे स्टेशन जाने के लिए प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले वहां पर कुछ सामान चेकिंग होती है. गार्ड लोगों का सामान चेक करते हैं. उसके बाद ट्रेन का सफर कर सकते हैं.
सिंपल है रास्ता
यहां जाने का रास्ता बड़ा सिंपल है. जैसे ही आप जयनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे वहां एक ओवर ब्रिज है. वहां से एक बार ओवर ब्रिज पर चढ़ गए तो आपको सोचना है कि इंडियन रेलवे का सफर करना है या विदेश घूमना है. इसी ओवर ब्रिज के जरिए आप नेपाली स्टेशन के गेट तक पहुंच सकते हैं. जैसे ही ब्रिज से नीचे आएंगे वहां बड़े अक्षरों में जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन दिख जाएगा.
आपको बता दें कि नेपाल के रेलवे का खर्च भी भारत सरकार ने उठाया है. ट्रेन से लेकर स्टेशन का खर्च और पटरी बिछाने तक का खर्च भारत सरकार ने उठाया है. हालांकि, इसमें नेपाल सरकार की भी भूमिका है. बता दें कि कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम नेपाल रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. यह भारत की ज़मीन है और यहां से 5 बोगी वाली दो ट्रेन प्रतिदिन नेपाल की ओर जाती और और आती हैं. इसमें दो एसी डिब्बे भी हैं.