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Heart Attack Young Age: आजकल बेहद कम उम्र में युवा हर्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. कई मामले भी सामने आये हैं जिसमें कम उम्र के युवक-युवतियों को अचानक अटैक आया और उनकी जान चली गई. ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आ…और पढ़ें

मृतक युवक के रोते-बिलखते परिजन.
सुपौल. बिहार के सुपौल जिले में एक मार्मिक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया. 30 साल के सोनू कुमार का सपना था कि वह होमगार्ड बने, वर्दी पहने और अपने परिवार का सहारा बने. लेकिन यह सपना अधूरा रह गया, जब अभ्यास के दौरान दौड़ते-दौड़ते उसकी ज़िंदगी की डोर टूट गई. गुरुवार की सुबह, जब लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त थे, बीम टोला के वार्ड 27 में मातम का माहौल छा गया. शरीर से बिल्कुल फिट युवक को हर्ट अटैक क्यों आया होगा? इसके पीछे की डॉक्टर्स ने वजह बताई है.
सोनू स्वर्गीय महेश्वरी ठाकुर का पुत्र था. बीते 15 दिनों से होमगार्ड भर्ती की शारीरिक परीक्षा की तैयारी कर रहा था. हर सुबह वह स्टेडियम में दौड़ने जाता था. लेकिन इस बार, दूसरे राउंड में ही उसकी सांसें थम गईं. साथी युवकों ने उसे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही सोनू ने दम तोड़ दिया.
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आखिर क्यों टूट रही है कम उम्र में सांस?
सोनू की मौत एक सवाल खड़ा करती है. आखिर क्यों कम उम्र में युवा अपनी जान गंवा रहे हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनियमित जीवनशैली, अत्यधिक तनाव और बिना उचित मार्गदर्शन के शारीरिक अभ्यास का नतीजा हो सकता है. शारीरिक तैयारी के दौरान सही पोषण, पर्याप्त आराम और मेडिकल चेकअप की कमी भी जानलेवा साबित हो सकती है. युवा अक्सर अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता से अधिक मेहनत कर देते हैं, जिससे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
गांव में मातम और परिवार का दर्द
सोनू का पार्थिव शरीर जब घर पहुंचा, तो पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया. परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. गांव में हर कोई यह सोचने पर मजबूर था कि क्यों एक होनहार युवक की जिंदगी इतनी जल्दी खत्म हो गई. सोनू का सपना वर्दी पहनने का था, लेकिन उसकी किस्मत ने उसे कफ़न पहना दिया. उसका जाना न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी क्षति है. सपनों की दौड़ में ज़िंदगी हार गई, और एक मां का बेटा, एक गांव का चहेता सदा के लिए चला गया. यह घटना केवल एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है.