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Hafizul Hasan Ansari: झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने संविधान को लेकर बड़ा बयान दिया है. हफीजुल हसन अंसारी ने शरियत को संविधान से ऊपर बताया है, जिसको लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है.

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी.
हाइलाइट्स
- झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के बयान पर विवाद.
- हफीजुल हसन अंसारी ने शरियत को संविधान से बड़ा बताया.
- हफीजुल हसन अंसारी की मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग
रांचीः झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के एक बयान पर बवाल शुरू हो गया है. हफीजुल हसन ने शरियत को संविधान से बड़ा बताया है, जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, ‘अंबेडकर जयंती है. हम सभी को संविधान का सम्मान करना चाहिए. संविधान के सम्मान में दिल्ली में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. अगर कोई संविधान के खिलाफ ऐसा कुछ कहता है तो यह ठीक नहीं है. यह निंदनीय है.’ दरअसल, हफीजुल ने कहा कि उनके लिए पहले शरियत है और फिर संविधान है. क्योंकि शरियत उनके लिए बड़ा है. वहीं इस बयान के बाद से राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने सोरेन सरकार से हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है. हालांकि हफीजुल कोई पहली बार इस तरह के विवादित बयान नहीं दे रहे हैं.
हफीजुल हसन के शपथ को लेकर भी मच चुका है बवाल
इससे पहले भी वो अपने बयानों से हंगामा खड़ा कर चुके हैं. मंत्रिमंडल गठन के वक्त उनके शपथ को लेकर बवाल हुआ था. उन्होंने शपथ की शुरुआत बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम के साथ की थी. जिसका विरोध करते हुए भाजपा ने उनकी शपथ को असंवैधानिक करार देते हुए राज्यपाल से दोबारा शपथ दिलाए जाने की मांग की थी.
कौन हैं हफीजुल हसन
हफीजुल हसन अंसारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री हैं और मधुपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस सीट पर पहले उनके पिता हाजी हुसैन विधायक हुआ करते थे. लेकिन उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई. फिर 2021 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ और हफीजुल ने जीत हासिल की थी. हालांकि सोरेन की सरकार ने उनके विधायक बनने से पहले ही खेल और पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी थी. हफीजुल हसन अंसारी के पिता हाजी हुसैन को शिबू सोरेन का काफी करीबी माना जाता था. फिलहाल हफीजुल हसन अंसारी के पास अल्पसंख्यक कल्याण, पंजाकरण, शहरी विकास, पर्यटन, खेल और युवा मंत्रालय की जिम्मेदारी है.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, एक निजी चैनल से बात करते हुए हफीजुल हसन ने कहा, ‘शरियत मेरे लिए बड़ा है. हम कुरान सीने में रखते हैं और संविधान हाथ में. मुसलमान सीने में कुर्रान को और हाथ में संविधान को लेकर चलता है. हम पहले शरियत को पकड़ेंगे, इसके बाद संविधान को.’ हालांकि जब इस बयान को लेकर हंगामा शुरू हुआ तो उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा, ‘मैंने मैं नहीं हम कहा. अगर वीडियो ध्यान से सुना जाए तो पता चलेगा. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.’ हफीजुल ने हनुमान जी का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं. जैसे बोलते हैं कि सीना चीर कर देखिए हनुमान जी हैं, यह कहने का एक तरीका है, मैंने भी कुछ इसी तरह कहा.