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वैज्ञानिकों ने स्पर्म इंजेक्टिंग रोबोट का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर आईवीएफ पद्धति में एआई का प्रयोग किया. 40 साल की महिला को गर्भवती बनाकर बेटे को जन्म दिलाया. खास बात ये रही कि शोधकर्ताओं ने पूरी प्रक्रिया के 23…और पढ़ें

वैज्ञानिकों ने AI के हवाले कर दी कम सफल तकनीक, बच्चा पैदा कर रचा इतिहास, दुनिया को चौंकाया!
कृत्रिम तरीकों से बच्चे पैदा करवाने की तकनीकों में वैज्ञानिकों ने एक स्पर्म इंजेक्टिंग रोबोट का सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया है. इस तकनीक से रोबोट की मदद से दुनिया का पहला तैयार हुआ बच्चा पैदा हो गया है. 40 साल की महिला को गर्भवती बनाने में वैज्ञानिकों ने आईवीएफ नाम की पद्धति में एआई का अभूतपूर्व प्रयोग किया और बेहतरीन नतीजे हासिल किए हैं. इस तरह से एआई का इस्तेमाल करके शोधकर्ताओं ने आईवीएफ पद्धति में एक बड़ी क्रांतिकारी सफलता हासिल की है. उनका दावा है कि अब आईएफवी पद्धति में बहुत ही ज्यादा बेहतर और सटीक नतीजे हासिल किए जा सकेंगे.
आईवीएफ पद्धति में खास तकनीक
आईवीएफ में कृत्रिम तरीके से पिता के स्पर्म को मां के अंडे से मिलाया जाता है, जिससे निषेचन यानी फर्टिलाइज़ेशन होता है. यह कुदरती तौर पर कई कारणों से नहीं हो पाता है, इसलिए निराश पति पत्नियों को आईएफवी पद्धति का सहारा लेना पड़ता है. इसमें भ्रूण कई तरह से बनाए जाते हैं जिनमें से एक आईसीएसआई तकनीक होती है. इसमें एक स्पर्म कोशिका को लैब डिश में मौजूद परिपक्व अंडे में इंजेक्ट किया जाता है.
आईसीएसआई तकनीक की सीमाएं
यह आईसीएसआई तकनीक इंसानी गलतियों की वजह से नाकाम हो सकती है. इसके लिए एम्ब्रियोलॉजिस्ट को माइक्रोइंजेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ता है और उसके लिए काफी हुनर की जरूरत होती है. इनके नतीजे अलग-अलग आते हैं. न्यूयॉर्क शहर की बायोटेक कंपनी कन्सिवेबल लाइफ साइंसेज के जैक्स कोहेन और उनके साथियों ने एक खास मशीन तैयार की है जो कि आईसीएसआई प्रक्रिया को 23 चरणों में बहुत ही सटीकता से पूरी करती है और यही मशीन असल में एक एआई चलित रोबोट है जो एक बटन भर को दबाने से नतीजे हासिल कर सकती है.

यह आईवीएफ मेंक्रांतिकारी सफलता देने वाली तकनीक है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
रच गया एक गजब का इतिहास
शोधकर्ताओं ने मैक्सिको के गॉदलजारा में एक आईवीएफ क्लीनिक की एक महिला के इलाज के लिए इस नए तरीका का प्रयोग किया जिस पर पहले भी आईवीएफ पद्धति नाकाम हो चुकी थी. दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने पांच अंडों का निषेचन इस स्वचालित आईसीएसआई तकनीक से किया और पूरी प्रक्रिया को न्यूयॉर्क से ही निर्देश दिए और डिजिटल इंटरफेस के जरिए हर अंडे के साथ 23 चरण की प्रक्रिया पूरी की.
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प्रयोग बहुत सफल रहा क्योंकि 5 में 4 अंडे भ्रूण में पूरी तरह से सफल रहे. पहला भ्रूण गर्भ में सफलता पूर्वक नहीं पहुंचाया जा सका, लेकिन दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई. और आखिर महिला ने एक बेटे को सफलतापूर्वक जन्म दे कर इतिहास रच दिया.