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10वीं पास युवाओं को 90 दिन में डॉक्टर बनाया जा रहा था, इतना ही नहीं उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनिक खोलकर मोटी कमाई के सपने दिखाये जा रहे थे.

फर्जी इंस्टीट्यूट
हाइलाइट्स
- सागर में 10वीं पास युवाओं को 90 दिन में डॉक्टर बना रहा था कॉलेज.
- ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनिक खोलकर कमाई के सपने दिखाए जा रहे थे.
- छापेमारी में नोट गिनने की मशीन और शराब की बोतलें मिलीं.
सागर : बुंदेलखंड के दमोह जिले में फर्जी डॉक्टर के द्वारा हार्ट सर्जरी करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि सागर जिले में एक ऐसा कॉलेज पकड़ा गया, जहां 10वीं पास युवाओं को 90 दिन में डॉक्टर बनाया जा रहा था. इतना ही नहीं उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनिक खोलकर मोटी कमाई के सपने दिखाये जा रहे थे. और इस तरह के सैकड़ो बच्चों को गुमराह कर सर्टिफिकेट बांटे जा रहे थे. इसका खुलासा होने के बाद अधिकारियों के मन में बड़ा सवाल यह है कि अगर इस तरह की सर्टिफिकेट लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों ने क्लीनिक खोल लिए होंगे तो वह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे. इसलिए जो जिम्मेदार हैं उन्हें इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि दमोह में लंदन वाली फर्जी डॉक्टर ने जिन 15 लोगों की हार्ट सर्जरी की उनमें से 7 की मौत हो गई. अब हैरान करने वाली बात यह है कि जब टीम ने इस इंस्टिट्यूट पर छापा मारा तो यहां से नोट गिनने वाली मशीन बरामद की गई है.
नोट गिनने की मशीन और शराब बोतले मिली
दरअसल राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने इस फर्जी कॉलेज का भंडाफोड़ किया है. सिविल लाइन में स्थित इस राधा रमन इंस्टिट्यूट में छापेमारी के दौरान कई तरह डॉक्यूमेंट के साथ शराब बीयर की बोतल खाली भरी आधी मिली है. जबकि यहां पर लड़कियों का आना-जाना भी है, इस आपत्तिजनक सामग्री को भी जप्त किया गया है.
जहां 32000 से लेकर 45000 तक की फीस लेकर पैरामेडिकल के नाम पर डॉक्टर बनने और क्लिनिक खोलकर प्रेक्टिस करने के नकली सर्टिफिकेट दिए जा रहे थे. इस तरह के यहां पर एक बोरी डॉक्यूमेंट जप्त किए गए हैं, यहां पर एक कॉल सेंटर भी चलाया जा रहा था जिसमें कुछ लड़कियां ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को फोन पर इसकी जानकारी देती थी और इंस्टिट्यूट तक लाती थी.
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने बताया कि यहां से लगातार इस तरह की शिकायत में रही थी कि रोजगार के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को गुमराह किया जा रहा था उन्हें 3 महीने में डॉक्टर बनाने के दावे किए जा रहे थे, कार्रवाई के दौरान संचालक को भी बुलवाया था लेकिन वह मौके पर नहीं आए जो भी इंस्टिट्यूट में पाया गया है. इस सब की रिपोर्ट कलेक्टर के लिए दी जाएगी ताकि वह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली ऐसे लोगों पर मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करवा सकें. कार्रवाई के दौरान करीब आधा दर्जन विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.