Monday, April 21, 2025
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बहरों का गांव, यहां विचित्र कारण से पैदा होते हैं ऐसे लोग, हुआ खुलासा तो खिसकी पैरों तले जमीन!


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इस गांव का नाम गोकोवा है. यहां पर करीब 120 लोग रहते हैं और आधे से ज्यादा लोग बहरे हैं. ये लोग साइन लैंग्वेज में एक दूसरे से बातें करते हैं. इनकी इस कंडीशन के पीछे जो वजह बताई जाती है, वो है यहां के लोगों का एक …और पढ़ें

बहरों का गांव, यहां विचित्र कारण से पैदा होते हैं ऐसे लोग!

इस गांव में अधिकतर लोग नहीं सुन पाते. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा गांव (Village of deaf in Turkey) है, जिसे बहरों का गांव कहा जाता है? उसका कारण ये है कि यहां जितने लोग रहते हैं, उनमें आधे से ज्यादा सुन नहीं सकते. इसके पीछे जो वजह है वो काफी विचित्र है. ये लोगों के पैदा होने से जुड़ी है. जब इसका खुलासा हुआ तो सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई. ये गांव तुर्की में है. आइए आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी देते हैं.

द सन की रिपोर्ट के अनुसार इस गांव का नाम गोकोवा है. यहां पर करीब 120 लोग रहते हैं और आधे से ज्यादा लोग बहरे हैं. ये लोग साइन लैंग्वेज में एक दूसरे से बातें करते हैं. इनकी इस कंडीशन के पीछे जो वजह बताई जाती है, वो है यहां के लोगों का एक डर्टी सीक्रेट. दरअसल, इस गांव में इनब्रीडिंग होती है, यानी लोग परिवार में ही संबंध स्थापित कर के बच्चे पैदा करते हैं. इस वजह से इन लोगों के जीन्स में बहरेपन की समस्या दशकों से चली आ रही है.

village of deaf
ये गांव तुर्की में है. (फोटो: Canva)

बहरों का गांव
कोई पुख्ता तौर पर इस बहरेपन का कारण नहीं बता पाता. अधिकतर लोग आज भी यही मानते हैं कि आपस में ही संबंध बनाकर बच्चे पैदा करने की वजह से ही लोगों की ऐसी हालत हुई है, मगर कुछ जानकारों का ये भी दावा है कि सदियों से यहां रहने वाले लोग गंदे पानी का सेवन कर रहे हैं, जो इस बहरेपन का कारण हो सकता है. द सन से बात करते हुए यहां रहने वाले एक 48 साल के नागरिक, रहमी सिजिन ने कहा कि गांव में करीब 48 लोग विकलांग हैं और उन्हें मेडकिल केयर की जरूरत है.उन्होंने कहा कि वो भी ये नहीं जानते कि गांव में भाई-बहन के बीच शादी से लोगों का ऐसा हाल हुआ है या फिर गंदे पानी से, पर यहां के लोगों में विकलांगता चरम पर है, जिससे उन्हें छुटकारा चाहिए.

बेहद परेशान हैं नागरिक
रिपोर्ट की मानें तो भारी धातु, जैसे आयरन, आर्सनिक या फिर इंडस्ट्रियल कचरे से निकलने वाले अन्य तरह के केमिकल से बहरापन हो सकता है. यहां के मेयर का कहना है कि ये इंटर-कास्ट मैरेज की वजह से नहीं हो रहा है, पर गंदा पानी ही एक मात्र वजह है. साती तोजुन नाम के एक नागरिक का कहना है कि उसके 4 बच्चे हैं जिन्हें किसी न किसी तरह की शारीरिक समस्या है और उनके 3 बच्चे हैं, वो सभी गूंगे और बहरे हैं. यही नहीं, उसकी भाभी के बच्चों को भी शारीरिक समस्याएं हैं. उनका कहना है कि सरकार, गांव वालों की हालत में ज्यादा रुचि नहीं दिखाती. साइन लैंग्वेज में बात करने की वजह से वो लोग तो आपस में बातें कर लेते हैं, मगर बाहरियों से बात करना काफी मुश्किल होता है.

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