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Satna Viral Video: मध्य प्रदेश के कटनी जिले के एक शासकीय प्राथमिक शाला के शिक्षक लाल नवीन प्रताप सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह नाबालिग छात्रों को शराब पिलाते दिख रहे हैं.

शिक्षा विभाग में हड़कंप: वायरल वीडियो में बच्चों को शराब पिलाते दिखा शिक्षक
हाइलाइट्स
- शिक्षक ने बच्चों को शराब पिलाई, वीडियो वायरल.
- शिक्षक निलंबित, प्रशासन जांच में जुटा.
- शिक्षक ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया.
सतना. मध्य प्रदेश के कटनी जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जब शिक्षा के मंदिर में शिक्षक ही मर्यादा भंग करें, तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? मामला बरही तहसील के खिरहनी गांव स्थित एक शासकीय प्राथमिक शाला से जुड़ा है, जहां कार्यरत शिक्षक लाल नवीन प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो में बच्चों को पिलाई जा रही शराब
करीब 23 सेकंड के इस वीडियो में लाल नवीन प्रताप सिंह अपने घर पर कुछ नाबालिग छात्रों के साथ बैठा दिखाई देता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि वह बच्चों को पानी में मिलाकर देशी शराब पिला रहा है. वीडियो में छह से अधिक नाबालिग लड़के नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह वीडियो घर में ही मौजूद किसी अन्य व्यक्ति ने छिपकर बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया.
शिक्षक हुआ निलंबित, अधिकारियों ने की जांच
जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिला शिक्षा अधिकारी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए आरोपी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. विभाग ने साफ किया है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और पूरे मामले की गहन जांच कराई जाएगी. लोकल 18 को मिली जानकारी के अनुसार रविवार को तहसीलदार नितिन पटेल, बीईओ और अन्य अधिकारियों की टीम स्कूल पहुंची और स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए. सभी साक्ष्यों के आधार पर जांच रिपोर्ट जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी जाएगी.
शिक्षक ने बताया राजनीतिक साजिश
आरोपी शिक्षक लाल नवीन प्रताप सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल करने वाला व्यक्ति उनके परिवार का विरोधी है. उस दिन वे दोपहर डेढ़ बजे स्कूल से घर आए थे और बच्चों को स्प्राइट दी थी, जिसे उन्होंने खाली शराब की बोतल में डालकर पिया. उन्होंने दावा किया कि वे शराब का सेवन नहीं करते प्रशासन चाहे तो उनका डीएनए टेस्ट करवा ले.
प्रधानाध्यापिका और ग्रामीणों ने भी किया बचाव
स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका वैशाली ने बताया कि स्कूल में कभी भी शराब जैसी चीज़ का सेवन नहीं किया गया. बच्चे नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं और समय पर स्कूल आते-जाते हैं. उन्हें वीडियो की वास्तविकता की जानकारी नहीं है. गांव की निवासी सावित्री बाई और अन्य महिलाओं ने भी कहा कि बच्चों को शराब पिलाने जैसी कोई घटना गांव में नहीं हुई है. वहीं पूर्व पंच खुशीराम कोल ने बताया कि बच्चे स्कूल में पढ़ने आते हैं और ऐसा कोई व्यवहार उन्होंने कभी नहीं देखा.
जांच में सामने आ सकते हैं और भी तथ्य
फिलहाल जिला प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और वीडियो की सत्यता को परखने के लिए कई पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि और कौन-कौन से नए तथ्य इस मामले में सामने आते हैं और शिक्षा विभाग इसके खिलाफ क्या ठोस कदम उठाता है.