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Bihar Sports Minister Surendra Mehta: बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता राज्य के सबसे ग़रीब मंत्रियों में शामिल हैं. गांव के लोग इन्हें पुजारी के रूप में जानते हैं. गूसराय जिला के किरतौल गांव में सुबह क…और पढ़ें

पुजारी के रूप में बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता
हाइलाइट्स
- बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता मंदिर के पुजारी हैं.
- सुबह तीन घंटे मंदिर की साफ-सफाई और भोग लगाते हैं.
- पूजा-पाठ को भारतीय संस्कृति का अंग मानते हैं.
बेगूसराय. लाल बत्ती, एस्कॉर्ट, सरकारी सुरक्षा और आलीशान बंगला, जिधर कदम बढ़ाया उधर प्रणाम करने वालों की भीड़ लग जाती है. आम तो आम खास लोगों को भी जिनसे मिलने के लिए वक्त लेना पड़ता है, वो होते हैं मंत्री जी. लेकिन, जहां की मिट्टी के कन-कन में माता लक्ष्मी और सरस्वती वास करती है, वह बेगूसराय कहलाता है. बेगूसराय जिला अपने आप में बेहद खास है. यहां एक ऐसे भी मंत्री जी हैं, जिनके रहन-सहन और सादगी को देखकर आप यकीन ही नहीं कर पाएंगे कि ये बिहार सरकार में मंत्री भी हो सकते हैं.
गांव के लोग पुजारी जी के नाम से जानते हैं. बिहार सरकार सरकारी फाइलों में इन्हें खेल मंत्री के नाम से जाना जाता है. जी हां, आज लोकल 18 के जरिए हम आपको बिहार के सबसे खास और गरीब मंत्री सुरेंद्र मेहता के बारे में.
बेगूसराय में इस मंदिर के पुजारी हैं खेल मंत्री
इस भरी गर्मी में बिहार के सभी मंत्री विधायक AC से बाहर नहीं निकलते हैं और इनके सुबह की शुरूआत 10 बजे से होती है. लेकिन जब आप बेगूसराय जिला के तेघरा प्रखंड स्थित किरतौल गांव आकर देखेंगे तो सुबह के तीन घंटे तक यहां के मंदिर की साफ-सफाई करते और भोग लगाते जो पुजारी दिखते हैं, वो कोई आम इंसान नहीं बल्कि बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता जी हैं. आस-पास के लोगों ने बताया इस मंदिर के पुजारी भी वही हैं. किसी कारण बस अगर मंत्री जी गांव में नहीं होते हैं, तो दूसरे पुजारी पड़ोस के आनंदी नामक व्यक्ति को इस मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी दी जाती है. गांव के लोगों ने बताया कि भोलेनाथ के भक्त सुरेंद्र मेहता में आज भी मंत्री नहीं होने का थोड़ा सा घमंड नहीं है. गांव के लोग आ गए तो साथ में ही पूजा-पाठ भी करते हैं. लेकिन कभी आपको कोई बॉडीगार्ड नहीं दिखेंगे.
पूजा-पाठ भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग
गांव के पुजारी के रूप में मशहूर बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने लोकल 18 को बताया कि ”देखिए यह पूजा-पाठ भारतीय संस्कृति का अंग है. जहां तक भवन का सवाल है, तो सब लोगों में अंतर है कि नहीं”. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा आप ही के टीवी पर आया कि हम बिहार के सबसे गरीब मंत्री हैं. इसी का असर यह सब है. हम अपने धर्म का पालन कर रहे हैं. आपको बता दें कि हाल ही के दिनों में भीषण गर्मी में कंबल बांटने के बाद खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता मीडिया की सुर्खियों में आए थे.