क्या आपने कभी सुना है कि किसी का सिर शरीर से अलग हो जाए और फिर भी वह जिंदा बच जाए? पहली बार में सुनकर ही आप कहेंगे कि ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन एक 50 वर्षीय अमेरिकी किसान की कहानी ऐसी है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है. एक भयानक ट्रक एक्सीडेंट ने उसकी जिंदगी को तहस-नहस कर दिया, लेकिन उसकी हिम्मत और आधुनिक चिकित्सा ने उसे नया जीवन दिया. किसान के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इसके गर्दन की एक्सरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. बताया जाता है कि ये मामला दिसंबर 2020 का है, जब एक अमेरिकी किसान अपनी पिकअप ट्रक चला रहा था. अचानक उसकी नजर सड़क पर बने एक गड्ढे पर गई. ऐसे में उसने उस गड्ढे से बचने की कोशिश की. लेकिन इसी चक्कर में ट्रक अनियंत्रित होकर पेड़ों से टकरा गया और पलटकर एक तरफ गिर गया. इस जोरदार टक्कर में उसकी गर्दन एक तरह से शरीर से अलग हो गई. फिर भी वो शख्स न सिर्फ जिंदा बचा, बल्कि अब जोरदार अंदाज में साइकिलिंग भी करता है.
डॉक्टरों ने इसे ‘आंतरिक सिर विच्छेदन’ (atlanto-occipital dislocation) बताया. एक दुर्लभ और घातक स्थिति, जिसमें सिर और रीढ़ की हड्डी को जोड़ने वाली लिगामेंट्स टूट जाती हैं. इस वजह से रीढ़ की हड्डी के ऊपर सिर खतरनाक ढंग से हिलने लगता है, लेकिन चमड़ी जुड़ी रहती है, साथ ही रीढ़ की हड्डी भी अलग नहीं होती. हादसे को याद करते हुए इस शख्स ने बताया, “मुझे बस इतना याद है कि मेरी गर्दन में बहुत तेज़ दर्द हुआ.” हैरानी की बात यह है कि वह पूरे हादसे के दौरान होश में रहा. आपातकालीन टीम ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया. उसे देखने के बाद डॉक्टरों को आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) या दिमाग में ऑक्सीजन की कमी का डर था, जिससे मौत हो सकती थी. इस एक्सीडेंट में सिर को सपोर्ट करने वाली पहली सर्वाइकल हड्डी (C1 या एटलस) टूट गई थी. साथ ही, सिर और रीढ़ को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण लिगामेंट्स (एपिकल और एलार) भी फट गईं. ऐसे में डॉक्टरों ने तुरंत एक नाजुक सर्जरी की, जिसमें सिर और रीढ़ को फिर से जोड़कर स्थिर किया गया. इसके बाद उसे 18 हफ्तों तक एक सख्त सर्वाइकल ब्रेस पहनना पड़ा, ताकि वह हिस्सा बिना हिले ठीक हो सके.

ऐसा माना जाता है कि वह व्यक्ति टाइप 1 आंतरिक सिर-विच्छेदन या एटलांटो-ओसीसीपिटल चोट से पीड़ित था, जिसे ऊपर बाईं ओर चित्रित किया गया है.
हालांकि, डॉक्टरों का कहना था कि इस तरह की चोट में 50% लोग नहीं बच पाते और जो बचते हैं, उन्हें अक्सर गंभीर न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम (जैसे लकवा, बोलने-निगलने में दिक्कत या सांस लेने के लिए मशीन की जरूरत) का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस व्यक्ति ने चमत्कारिक ढंग से न केवल जीवित रहकर दिखाया, बल्कि वह न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से भी बच गया. रेडिट पर अपनी कहानी शेयर करते हुए उसने लिखा, “मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि अभी भी जिंदा हूं. इस चोट से बहुत कम लोग बचते हैं और जो बचते हैं वे अक्सर पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं. मैंने (लगभग) पूरी तरह रिकवरी कर ली.” हालांकि, दुर्घटना की की वजह से उसे कई परेशानियां होती हैं, जिसमें गर्दन पहले की तुलना में सिर्फ 50% ही घूमता है. ऐसे में वह अब ऊपर नहीं देख सकता, न ही सिर को पूरी तरह दाएं-बाएं घुमा सकता है. उसे चेहरे और गले की बाईं ओर मांसपेशियों में ऐंठन होती है और गोलियां व कुछ खाद्य पदार्थ निगलने में दिक्कत होती है.
डॉक्टरों ने उसकी चोट को ठीक करने के लिए संभवतः पोस्टीरियर ऑक्सिपिटो-सर्वाइकल फ्यूजन सर्जरी की, जिसमें सिर और ऊपरी सर्वाइकल हड्डियों को रॉड्स, स्क्रू और बोन ग्राफ्ट्स से जोड़कर स्थायी रूप से स्थिर कर दिया जाता है, ताकि रीढ़ की हड्डी या ब्रेनस्टेम को और नुकसान न हो. हादसे के दौरान उसने सीटबेल्ट पहनी थी, जिसने शायद उसकी जान बचाई, क्योंकि इससे उसका शरीर टक्कर के दौरान अपनी जगह पर रहा. दुर्घटना में उसका बायां पैर ब्रेक पेडल और गाड़ी के फ्लोर के बीच फंस गया, जिससे उसकी बाईं टिबिया (पैर की मुख्य हड्डी), चार पसलियां टूट गईं और कलाई व टखने में मोच आई. उसे इन चोटों की भी सर्जरी करानी पड़ी और वह 10 हफ्ते अस्पताल में रहा. इसके बाद 5 हफ्ते फिजिकल थेरेपी की, ताकि कमजोर हो चुका उसका बायां पैर फिर से मजबूत हो सके. बता दें कि उसके अस्पताल का बिल 4 लाख डॉलर (लगभग 3.3 करोड़ रुपये) था, लेकिन बीमा के कारण उसे 50,000 डॉलर (लगभग 41 लाख रुपये) ही चुकाने पड़े. वह अब दौड़ नहीं सकता, लेकिन उसने हार नहीं मानी. 2021 में उसने 2000 किलोमीटर साइकिल चलाई और मोटरबाइक की सवारी भी की. हालांकि, डॉक्टरों ने उसकी कमज़ोर गर्दन के कारण साइकिल न चलाने की सलाह दी थी.