सीकर: राजस्थान के सीकर में बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए हर कोई एक न एक बार जाना चाहता है. ऐसे में बाबा श्याम के दरबार में लगातार भक्तों का हुजूम उमड़ता जा रहा है. गर्मी में भी खाटूश्याम जी मंदिर में भक्तों की संख्या कम नहीं हो रही है, बल्कि बढ़ रही है. ऐसे में कई बाहर होता है कि प्रशासन श्रद्धालुओं को उस तरह की सुविधा नहीं दे पाता है, जिस तरह के वो हकदार होते हैं. ऐसी सुविधा में आमतौर पर शौचालय होते हैं. भीड़ के कारण अक्सर सार्वजनिक वॉशरूम गंदे होते हैं कि जाने का भी मन करे. सबसे ज्यादा महिलाओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है. मगर सोचिए, एक महिला को अगर शौचालय जाने के लिए 800 से अधिक रुपये देने पड़े तो आप क्या कहेंगे? जी हां, ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया पर एक महिला जर्नलिस्ट ने अपने साथ हुआ वाक्या साझा किया है.
कई लोग नियमों को कर देते हैं अनदेखा
बाहर घूमने के दौरान हमें खुद नहीं पता होता कब और कहां हमें वॉशरूम की जरूरत पड़ जाए, जहां बाथरूम की सुविधा नहीं होती, वहां व्यक्ति को हल्का होने के लिए कोई ऐसी जगह देखनी पड़ती है, जहां कोई न आ पाए, जैसे झाड़ियां बल्कि कई लोग तो खुले में ही पेशाब कर लेते हैं. मगर, ये स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होता है. ऐसे में सरकार ने नियम बनाकर रखा है कि कोई भी महिला इमरजेंसी में बिना भुगतान या पूछे किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में वॉशरूम इस्तेमाल कर सकती है. मगर, कुछ लोग नियमों की अनदेखी करने में विश्वास रखते हैं.
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एक महिला पत्रकार ने सुनाई आपबीती
एक महिला पत्रकार ने राजस्थान में एक होटल के वॉशरूम का इस्तेमाल करने के लिए भारी कीमत देने पर निराशा जताई है. दिल्ली स्थित एक समाचार चैनल में काम करने वाली मेघा उपाध्याय ने सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर एक पोस्ट किया. उन्होंने कैप्शन लिखा था वाशरूम के लिए 805 रुपये दिए. क्या यही मानवता है.
उन्होंने कहा, मैं और मेरा परिवार मां की लंबे समय से इच्छा पूरी करने के लिए खाटू श्याम मंदिर गए थे. मैंने किसी भी तरह की सुविधा न लेकर बल्कि सामान्य तरीके से दर्शन करना चुना. इसके लिए मैं सुबह 6 बजे दर्शन के लिए होटल से निकली. सुबह 7 बजे लाइन में लगे. करीब 2 घंटे तक लाइन में खड़े रहे.
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मेघा ने कहा कि खड़े खड़े मां की तबियत खराब होने लगी. उन्हें पेट में दर्द होने लगा और उल्टी जैसा फील हो रहा था. ऐसे में पापा वॉशरूम ढूंढने लगे. मगर, कोई भी वॉशरूम इस्तेमाल करने लायक नहीं था. मंदिर से करीब 1 किमी दूर तक कोई शौचालय नहीं था. तभी एक होटल दिखा और रिसेप्शन पर मौजूद शख्स से 5-10 मिनट के लिए वॉशरूम इस्तेमाल करने की विनती की. हमने बताया कि मां की तबियत ठीक नहीं है.
मां की हालत पर भी नहीं खाया तरस
शख्स ने मां की हालत देखी और कहा कि वॉशरूम का इस्तेमाल करना है तो 800 रुपये देने होंगे. इस पर हम चौंक गए. हमने थोड़ी आनाकानी की मगर वो जस से तस नहीं हुआ. आखिरकार हमने रुपये दे दिए. जब पापा ने बिल मांगा तो वो शख्स चिल्लाने लगा. आखिरकार बिना मन के उसने हमें 805 रुपये का बिल दिया. किसी तरह की कोई सहानुभूति नहीं थी और न ही कोई हिचकिचाहट थी.
उन्होंने कहा कि ये पूरी घटना काफी दिल दहलाने वाली थी. एक ऐसी जगह जहां हम शांति, दया और आस्था की तलाश में जाते हैं. वहां मानवता को शर्मसार करने वाला व्यवहार किया गया.
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लोगों ने दी प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने कहा कि इंडियन सीरीज एक्ट 1887 के अुनसार आप कभी पेशाब लगने पर देश के किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में जाकर वॉशरूम का इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको तो इस एक्ट के बारे में पता ही होगा. एक अन्य ने कहा कि मेघा आप तो मीडियाकर्मी और लोकतंत्र की चौथी स्तंभ का हिस्सा हैं. आपने संविधान का उपयोग क्यों नहीं किया?
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि उल्टी वगैहरा अलग है. हो सकता है उसने इसलिए रुपये लिए हो क्योंकि उसे फिर से सफाई करनी हो. एक शख्स ने होटल के खिलाफ केस दर्ज करने की सलाह दी. उसने कहा कि बिल भी गलत है. शिकायत दर्ज करते समय आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी (जितना हो सके) छिपाना सुनिश्चित करें.