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Jabalpur Medical Emergency Case: जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में दो बच्चों की जान बचाई गई. एक 6 महीने की बच्ची के सीने में कीड़ा फंसा था, जबकि डेढ़ साल के बच्चे की श्वास नली में चिकन का टुकड़ा…और पढ़ें

मासूम के गले में फंसा कीड़ा और चिकन का टुकड़ा.
हाइलाइट्स
- जबलपुर में दो मासूम बच्चों की जान बचाई गई.
- 6 महीने की बच्ची के सीने में कीड़ा फंसा था.
- डेढ़ साल के बच्चे की श्वास नली में चिकन का टुकड़ा था.
हेजबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में दो मासूम बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं हुईं जिन्हें जानकर कोई भी सिहर उठेगा. हालांकि डॉक्टर्स की सूझबूझ और मेहनत के चलते अब दोनों बच्चे सुरक्षित हैं और हंस खेल रहे हैं.
मामला नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर का है. दमोह जिले में रहने वाली 6 महीने की बच्ची को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ. वह लगातार रोती रही लेकिन स्थानीय डॉक्टर वजह नहीं समझ पाए. बच्ची को जबलपुर रेफर किया गया. यहां डॉक्टर्स ने जांच की तो पता चला कि सीने में पीले रंग का एक कीड़ा फंसा है. यह देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए.
डेढ़ साल के बच्चे की श्वास नली में फंसा चिकन का टुकड़ा
दूसरी घटना कटनी की है. एक डेढ़ साल का बच्चा सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया. एक्सरे में पता चला कि उसकी श्वास नली में कुछ फंसा है. ऑपरेशन के दौरान 1 सेंटीमीटर का चिकन का टुकड़ा निकाला गया जिसे बच्चा खाते समय निगल गया था.
डॉक्टरों ने दूरबीन सर्जरी से बचाई जान
ईएनटी विभाग की डॉ कविता सचदेवा ने बताया कि दोनों केस काफी चुनौतीपूर्ण थे. लेकिन टीम के सहयोग से दूरबीन सर्जरी की गई. बच्ची के फेफड़े के दाएं हिस्से में कीड़ा फंसा था जिससे सांस की नली ब्लॉक हो गई थी. जबकि दूसरे बच्चे की नली में चिकन का टुकड़ा अटक गया था.
परिजनों को दी सावधानी बरतने की सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज नहीं होता तो दोनों बच्चों की जान जा सकती थी. उन्होंने सलाह दी कि छोटे बच्चों को कठोर या छोटे टुकड़ों वाले खाद्य पदार्थ न दें. साथ ही बच्चों को अकेला न छोड़ें ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.