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अमेरिका जल्द ही स्मार्टफोन, कंप्यूटर और चिप्स जैसी चीजों पर अलग टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है. यह टैरिफ एक-दो महीने में लागू हो सकता है.

अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक का बड़ा बयान सामने आया है.
हाइलाइट्स
- अमेरिका स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर टैरिफ लगाएगा.
- सेमीकंडक्टर पर भी अलग टैरिफ लगेगा.
- टैरिफ एक-दो महीने में लागू हो सकता है.
नई दिल्ली. अमेरिका ने रविवार (13 अप्रैल) को कहा कि आने वाले कुछ हफ्तों में मोबाइल फोन, कंप्यूटर और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के अलावा सेमीकंडक्टर्स पर अलग से टैरिफ लग सकता है. यह बात अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने एबीसी न्यूज को एक इंटरव्यू में बताई. यह बयान उस समय आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से दुनियाभर में हलचल मची हुई है.
लुटनिक ने कहा, “हमें अपनी जरूरी चीजों के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. हमारी दवाइयां और सेमीकंडक्टर्स अमेरिका में ही बननी चाहिए.”
इलेक्ट्रॉनिक चीजों और चिप्स को दी अस्थायी छूट
पिछले शुक्रवार (11 अप्रैल) को ट्रंप प्रशासन ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर लगाए गए टैरिफ से अस्थायी छूट दी. इससे ऐपल जैसी बड़ी टेक कंपनियों को राहत मिली, क्योंकि ये कंपनियां बाहर से आने वाले पार्ट्स और तैयार प्रोडक्ट्स पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं. अमेरिका के कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन ने कुछ चीजों को टैरिफ से छूट देने को लेकर एक नोटिस जारी किया था. इसके अलावा उन मशीनों को भी छूट दी गई थी जो सेमीकंडक्टर बनाने के काम में आती हैं. लुटनिक ने साफ किया कि यह छूट सिर्फ अस्थायी है.
टैरिफ पर बदल रहा ट्रंप का रूख
बता दें कि रेसिप्रोकल टैरिफ पर ट्रंप प्रशासन का बदलता रूख नयी बात नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी. बाद में ट्रंप ने 9 अप्रैल को एक बड़ा ऐलान करते हुए 90 दिनों के लिए भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों पर लगाए गए टैरिफ को रोकने की घोषणा की थी. इन 90 दिनों के दौरान उन देशों पर 10 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगेगा.