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Peru News: पेरू की पूर्व राष्ट्रपति ओलांता हुमाला को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 15 साल की सजा हुई है. वहीं, सुनवाई के दौरान ही उनकी पत्नी नादिन हेरेडिया ने ब्राजीलियाई दूतावास पहुंच गई. दूतावास कि ओर से बताया गया क…और पढ़ें

जेल की सजा से पहले ही दूसरे देश भागने की फिराक में पेरू की पूर्व फर्स्ट लेडी.
हाइलाइट्स
- पूर्व राष्ट्रपति हुमाला को 15 साल की सजा हुई.
- उनकी पत्नी हेरेडिया ने ब्राजीलियाई दूतावास में शरण मांगी.
- हेरेडिया की शरण मांगने से राजनीतिक हलचल बढ़ी.
Peru News: पेरू की पूर्व राष्ट्रपति ओलांता हुमाला मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में 15 साल की सजा हुई है. वहीं, कोर्ट की सुनवाई के दौरान उनकी पत्नी नादिन हेरेडिया उपस्थित थीं. मीडिया के हवाले से उनको पेरू की राजधानी लीमा ब्राजील दूतावास के पास देखी गईं. ये बातें सामने निकल आईं कि उन्होंने ब्राजीलियाई दूतावास में शरण मांगी. पड़ोसी देश का दूतावास से शरण मांगने के साथ ही राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
पेरू के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ब्राजीलियाई दूतावास ने सूचित किया कि हेरेडिया मंगलवार सुबह दूतावास पहुंची थीं. यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने सजा की घोषणा से पहले या बाद में दूतावास में प्रवेश किया. सीएनएन ने बताया कि पेरू के विदेश मंत्रालय और दूतावास से संपर्क किया है, साथ ही हेरेडिया के वकील से भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.
चुनाव में अवैध फंडिंग
पूर्व राष्ट्रपति ओलांता हुमाला पर मुकदमा 2006 और 2011 के दौरान चुनावी अभियानों में कथित अवैध फंडिंग से जुड़ा है. अभियोजकों का दावा है कि हुमाला की नेशनलिस्ट पार्टी ने वेनेजुएला सरकार और ब्राजील की कंस्ट्रक्शन कंपनी ओडेब्रेक्ट से उनके अभियानों के लिए अवैध धन प्राप्त किया था.हुमाला और उनकी पत्नी ने पहले इन आरोपों से इनकार किया था.

पेरू की पूर्व प्रथम महिला नादिन हेरेडिया
सुनवाई में गायब रहीं हेरेडिया
बता दें कि तीन साल तक चले मुकदमे में मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया. जब जज ने फैसला सुना रहे थे तब पूर्व राष्ट्रपति हुमाला अदालत में मौजूद थे, लेकिन हेरेडिया अनुपस्थित थीं. फैसले की घोषणा के तुरंत बाद, न्यायपालिका ने हुमाला को तत्काल जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. उनके वकील विल्फ्रेडो पेड्राजा ने फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि वे इसकी अपील करेंगे.
20-26 साल की सजा की थी मांग
उन्होंने कहा, ‘पैनल का यह कहना कि अपराध की अवैधता को बाद में सत्यापित किया जा सकता है, अस्वीकार्य है. मौखिक सुनवाई और सजा में ठोस सबूतों की जरूरत होती है, अनुमान नहीं.’ वहीं, अभियोजक हुमाला के लिए 20 साल और हेरेडिया के लिए 26 साल की सजा की मांग कर रहे थे.