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NDA Indian Army Story: पिता को तब खुशी का ठिकाना नहीं रहता है, जब उनकी बेटी उनके अधूरे सपने को पूरा करने में सफल रही हों. आज एक ऐसे ही लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने पिता के सपने को पूरा करने के लि…और पढ़ें

NDA Indian Army Story: UPSC NDA की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की हैं.
हाइलाइट्स
- NDA की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की.
- अब वह सेना में ऑफिसर बनेंगे.
- इसके साथ ही वह अपने पिता का सपना पूरा किया.
NDA Indian Army Story: एक पिता के लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है, जब उनके बच्चे उनके सपनों को पूरा करते हैं. ऐसे ही कहानी एक लड़की की है, जो अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए UPSC NDA की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की हैं. इनका परिवार सेना से नहीं जुड़ा रहा, लेकिन फिर भी उन्होंने सशस्त्र बलों में जाने का सपना देखा. वह जब कक्षा 9वीं में थी तब पता चला कि लड़कियों को भी नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में शामिल किया जाने लगा, तभी से उन्होंने इस दिशा में गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया. जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं, उनका नाम रुतुजा वारहाड़े (NDA Rutuja Warhade) है.
UPSC NDA में हासिल की तीसरी रैंक
UPSC NDA की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करने वाले रुतुजा वारहाड़े ने कक्षा 10वीं में 98% अंक हासिल की थी. इसके साथ ही उन्होंने कई ओलंपियाड में पुरस्कार भी जीते. उन्होंने JEE की तैयारी न करते हुए दो साल तक सिर्फ NDA की तैयारी पर फोकस किया. फिजिकल फिटनेस के लिए उन्होंने अपने वजन को 75 किलोग्राम से घटाकर 57 किलोग्राम किया. लिखित परीक्षा के लिए एक प्राइवेट कोचिंग में दाखिला लिया और SSB इंटरव्यू के लिए सशस्त्र बलों के अनुभवी अफसरों से मार्गदर्शन प्राप्त किया. उन्होंने फिजिकल ताकत और स्टेमिना बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया.
पासिंग-आउट परेड बना इंस्पिरेशन
एक पासिंग-आउट परेड में रुतुजा का शामिल होना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गया है. पुणे में सर्दी के मौसम में हुई इस शानदार परेड ने उनके मन में NDA का सपना और मजबूत कर दिया. उन्होंने UPSC द्वारा आयोजित NDA प्रवेश परीक्षा में पूरे देश की 1.5 लाख लड़कियों में पहला स्थान और 12 लाख उम्मीदवारों में तीसरी रैंक हासिल की हैं. रुतुजा की मां और पिता दोनों ने हमेशा उसके फैसलों का सपोर्ट किया है. वे उनकी सफलता को उनकी मेहनत और समर्पण का नतीजा मानते हैं. उन्होंने कहा कि रुतुजा में हर विषय को समझने की गहरी क्षमता है.
सेना में बनेंगी अफसर
रुतुजा जून में NDA के 154वें कोर्स में शामिल होंगी. तीन साल की ट्रेनिंग के बाद वह देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA) में एक साल की एडवांस्ड ट्रेनिंग लेंगी और फिर सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त होंगी. रुतुजा के पिता खुद सशस्त्र बलों में जाना चाहते थे, लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया. अब उनकी बेटी वह सपना साकार कर रही है. उनके पिता पुणे इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर हैं, और मां एक ट्यूशन क्लास चलाती हैं.
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