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Mango Farming Tips : गर्मी की प्रचंड मार आम के पेड़ों पर पड़ रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. तापमान में हो रही वृद्धि और कीटों के बढ़ते प्रकोप के कारण स्वादिष्ट आमों की पैदावार प्रभावित होने का खतरा मं…और पढ़ें

आम
हाइलाइट्स
- आम के पेड़ों पर 4 लीटर पानी में 2 बूंद दवा छिड़कें.
- डायमेथोएट 30% ईसी या क्विनोलफॉस 20% ईसी का उपयोग करें.
- प्रति हेक्टेयर बाग में 15-20 फेरोमोन ट्रैप लगाएं.
शाहजहांपुर : प्रचंड गर्मी का मौसम आम के बागों के लिए चुनौतीपूर्ण समय होता है. यदि इस दौरान उचित देखभाल न की जाए तो स्वादिष्ट आमों की पैदावार प्रभावित हो सकती है. तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. फल गिरना, फल मक्खी और मिली बग इस समय आम की फसल के लिए प्रमुख खतरे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात उद्यान एक्सपर्ट डॉ. महेश कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल में बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों को अपने बागों में पर्याप्त नमी बनाए रखने की आवश्यकता है. समय पर सिंचाई न करने से फल गिरने की समस्या बढ़ सकती है. इसके अलावा, बागों में स्वच्छता रखना भी कीट नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है.
मिली बग से ऐसे करें बचाव
मिली बग इस समय आम् के पेड़ों के लिए बड़ी चुनौती है. यह कीट पेड़ों पर चढ़कर फलों पर चिपक जाता है और धीरे-धीरे उन्हें नुकसान पहुंचाता है, जिससे फल गिरने लगते हैं और उत्पादन में कमी आती है. इससे बचाव के लिए किसानों को डायमेथोएट 30% ईसी (Dimethoate 30% EC) या क्विनोलफॉस 20 ईसी (Quinalphos 20% EC) की 2 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है.
बाग में लगा दें 15-20 फेरोमोन ट्रैप
गर्मी के मौसम में फल मक्खी भी आम की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है. इससे बचाव के लिए प्रति हेक्टेयर बाग में 15 से 20 फेरोमोन ट्रैप लगा दें. यह तकनीक फल मक्खियों को आकर्षित करके उन्हें फंसा लेती है, जिससे फसल सुरक्षित रहती है. फल मक्खी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.
ऐसे बढ़ाएं आम का वजन
लू और भीषण गर्मी के कारण आम के फल अक्सर गिरने लगते हैं. इससे बचाव के लिए बाग में नमी बनाए रखने के साथ-साथ ग्रोथ रेगुलेटर का उपयोग भी आवश्यक है. बाजार में ‘प्लानोफिक्स’ नामक प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर आसानी से उपलब्ध है. इसकी 1 मिली लीटर मात्रा को 4 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करने से फलों का वजन बढ़ता है और वे गिरने से भी बचते हैं.